मिस्र की 18 वर्षीय लड़की की दुर्लभ बीमारी: 10 सालों से जंजीरों में बंधी

दुर्लभ बीमारी का सामना
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति है, जिसके मामले विश्व में बहुत कम देखने को मिलते हैं। मिस्र के मटारिया शहर की एक 18 वर्षीय लड़की इस बीमारी से ग्रसित है, जिसे पिछले एक दशक से लोहे की जंजीरों में रखा गया है। उसकी स्थिति का इलाज करने के लिए हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। उसका परिवार इस कठिनाई का सामना कर रहा है, खासकर उसकी माँ, जो रोज़ डॉक्टरों से मदद मांगती है।
बीमारी की गंभीरता
विशेषज्ञों के अनुसार, यह लड़की एक अजीब और दुर्लभ मानसिक बीमारी से जूझ रही है, जिसके कारण उसकी माँ को उसे जंजीरों में बांधना पड़ता है। एडीएचडी एक सामान्य न्यूरोडेवलपमेंटल बीमारी है, जो बचपन में शुरू होती है और वयस्कता में भी बनी रहती है। एडीएचडी से ग्रसित बच्चे ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते और बिना सोचे-समझे कार्य कर सकते हैं, जिससे वे खुद या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एक मीडिया चैनल के अनुसार, यह बीमारी लड़की को आत्महत्या करने की कोशिश करने के लिए प्रेरित करती है। उसकी माँ ने बताया कि यह समस्या उसके जन्म के कुछ साल बाद शुरू हुई, और तब से उनकी जिंदगी में कठिनाइयाँ बढ़ गई हैं। लड़की ने कई बार आत्महत्या का प्रयास किया है, जिसमें एक बार नील नदी में कूदने और एक बार घर की बालकनी से कूदने की कोशिश शामिल है।
माँ की चिंता
माँ ने कहा कि अपनी बेटी को बचाने के लिए उसे मजबूरन जंजीरों में बांधना पड़ता है और वह उसे खुद खाना खिलाती है। जंजीरों में बंधी रहने के कारण लड़की को चिल्लाने की आदत हो गई है, और कभी-कभी वह अपने सिर को दीवार से भी टकरा देती है।