गुच्छी: दिल के मरीजों के लिए एक अनमोल सब्जी

गुच्छी, एक अनोखी और महंगी सब्जी है जो दिल के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसकी कीमत 30,000 रुपये प्रति किलो तक पहुँच जाती है और यह शिमला के जंगलों में उगती है। जानें इसके औषधीय गुणों और स्थानीय लोगों के लिए इसके महत्व के बारे में।
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गुच्छी: दिल के मरीजों के लिए एक अनमोल सब्जी

गुच्छी की अद्भुत विशेषताएँ

आज हम आपको एक विशेष सब्जी के बारे में बताएंगे, जो दिल के रोगियों के लिए एक वरदान मानी जाती है। आपने सामान्यतः 20 से 100 रुपये प्रति किलो की सब्जियाँ खाई होंगी, लेकिन क्या आपने कभी 30,000 रुपये प्रति किलो की सब्जी का स्वाद लिया है? जी हाँ, यह सब्जी अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जानी जाती है।


इस सब्जी को गुच्छी, छतरी, टटमोर या डुंघरू के नाम से जाना जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है और शिमला के जंगलों में उगती है। इसे खोजने के लिए स्थानीय लोग जंगलों में जाते हैं, जहाँ इसकी कीमत 25,000 से 30,000 रुपये प्रति किलो होती है।


गुच्छी का महत्व और उपयोग

गुच्छी स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। यहाँ के निवासियों का मानना है कि गुच्छी बर्फ के पिघलने के बाद बिजली की गड़गड़ाहट से उगती है। यह सब्जी सर्दियों में अधिकतर उपयोग की जाती है। एक बार, 1980 में, एक महंत ने 45 लाख रुपये की गुच्छी का भंडारा आयोजित किया था।


गुच्छी का वैज्ञानिक नाम मार्कुला एसक्वि पलेंटा है, और यह हिमाचल और कश्मीर की पहाड़ियों में पाई जाती है। इसकी मांग भारत के अलावा इटली, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों में भी है।


गुच्छी के स्वास्थ्य लाभ

गुच्छी को दिल के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि यह सब्जी दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करती है, क्योंकि इसमें विटामिन-बी की उच्च मात्रा होती है। इसकी प्राकृतिक उत्पत्ति के कारण इसकी उपलब्धता सीमित होती है, जिससे इसकी मांग और भी बढ़ जाती है।