वृश्चिक संक्रांति 2025: जानें राशियों पर प्रभाव और उपाय
वृश्चिक संक्रांति 2025 के उपाय
वृश्चिक संक्रांति 2025 के उपाय: हिंदू धर्म में संक्रांति का पर्व विशेष महत्व रखता है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तब इसे संक्रांति कहा जाता है। वर्ष 2025 में, 16 नवंबर, रविवार को वृश्चिक संक्रांति का आयोजन होगा। इस दिन सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य लगभग एक महीने तक इस राशि में रहेंगे, जिसका सभी 12 राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है, जो गहराई, रहस्य और परिवर्तन का प्रतीक है। वहीं, सूर्य आत्मा, अहंकार और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। वृश्चिक में सूर्य का गोचर आपके स्वास्थ्य, करियर और व्यक्तिगत संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है। आइए, जानते हैं कि वृश्चिक संक्रांति का आपकी राशि पर क्या असर होगा और शुभ फलों को बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
वृश्चिक संक्रांति का राशियों पर प्रभाव
मेष राशि (Aries)
प्रभाव: सूर्य आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे, जो स्वास्थ्य के लिए संवेदनशील हो सकता है। अचानक लाभ या हानि की संभावना है। गुप्त रहस्यों पर काम करने में सफलता मिलेगी।
शुभ फल: रिसर्च और आध्यात्मिक विषयों में रुचि बढ़ेगी।
वृषभ राशि (Taurus)
प्रभाव: सूर्य आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे, जो साझेदारी और वैवाहिक जीवन से संबंधित है। आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। अहंकार के कारण जीवनसाथी से तनाव हो सकता है।
शुभ फल: साझेदारी के कामों में ध्यान देने से लाभ होगा। नए व्यावसायिक संबंध बन सकते हैं।
मिथुन राशि (Gemini)
प्रभाव: सूर्य आपके छठे भाव में प्रवेश करेंगे, जो रोग और शत्रु का भाव है। यह अवधि आपके लिए अनुकूल साबित हो सकती है। कार्यक्षेत्र में आपके विरोधी शांत रहेंगे।
शुभ फल: सरकारी क्षेत्र से जुड़े मामलों में सफलता मिलेगी। पुराने रोगों से मुक्ति मिल सकती है। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे।
कर्क राशि (Cancer)
प्रभाव: सूर्य का गोचर आपके पांचवें भाव में होगा, जो प्रेम, शिक्षा और संतान का भाव है। विद्यार्थियों के लिए यह समय अच्छा है, लेकिन लव लाइफ में अहंकार के कारण थोड़ी समस्या आ सकती है।
शुभ फल: छात्रों के लिए उत्तम समय। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
सिंह राशि (Leo)
प्रभाव: सूर्य आपकी राशि से चौथे भाव में प्रवेश करेंगे, जो माता, सुख और वाहन का भाव है। घरेलू मोर्चे पर थोड़ी बेचैनी हो सकती है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
शुभ फल: प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने के योग बन सकते हैं। करियर में बदलाव की योजना सफल हो सकती है।
कन्या राशि (Virgo)
प्रभाव: सूर्य आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे, जो साहस, पराक्रम और छोटे भाई-बहनों का भाव है। यह गोचर आपको अत्यंत साहसी और ऊर्जावान बनाएगा।
शुभ फल: सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे। छोटे भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा।
तुला राशि (Libra)
प्रभाव: सूर्य आपकी राशि से निकलकर दूसरे भाव (धन और वाणी) में जाएंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, लेकिन आपकी वाणी में कठोरता आ सकती है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है।
शुभ फल: अचानक धन लाभ के योग बनेंगे। रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है।
वृश्चिक राशि (Scorpio)
प्रभाव: सूर्य आपकी ही राशि यानि पहले भाव (लग्न) में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके व्यक्तित्व पर सीधा प्रभाव डालेगी। आपके आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी, लेकिन यह अहंकार में न बदल जाए, इसका ध्यान रखें।
शुभ फल: कार्यक्षेत्र में आपकी नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा।
धनु राशि (Sagittarius)
प्रभाव: सूर्य आपके बारहवें भाव (व्यय और हानि) में प्रवेश करेंगे। इस समय आपको बेवजह के खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। विदेश से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है।
शुभ फल: विदेश यात्रा या विदेशी क्लाइंट्स से लाभ हो सकता है। आध्यात्मिक विषयों में मन लगेगा।
मकर राशि (Capricorn)
प्रभाव: सूर्य आपके ग्यारहवें भाव (आय और लाभ) में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके लिए अत्यंत शुभ फलदायी रहेगी। आय के नए स्रोत बनेंगे और आपको वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा।
शुभ फल: वेतन वृद्धि या प्रमोशन के योग हैं। सामाजिक दायरे में वृद्धि होगी और बड़े भाई-बहनों से लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि (Aquarius)
प्रभाव: सूर्य आपके दसवें भाव (कर्म और करियर) में प्रवेश करेंगे। करियर के लिए यह गोचर सबसे महत्वपूर्ण है। कार्यक्षेत्र में आपको बड़ी सफलता और सम्मान मिल सकता है।
शुभ फल: पदोन्नति, नई नौकरी या कार्यस्थल पर उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। आपका नाम और यश बढ़ेगा।
मीन राशि (Pisces)
प्रभाव: सूर्य आपके नौवें भाव (भाग्य और धर्म) में गोचर करेंगे। भाग्य आपका साथ देगा। धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राएं हो सकती हैं। पिता और गुरुजनों से सहयोग प्राप्त होगा।
शुभ फल: धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की इच्छा पूरी हो सकती है।
वृश्चिक संक्रांति पर विशेष उपाय
वृश्चिक संक्रांति का दिन सूर्य देव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ होता है। इस दिन किए गए उपायों से शुभ फलों में वृद्धि और अशुभ प्रभावों में कमी आती है:
सूर्य को अर्घ्य: सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर, उसमें लाल फूल और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
दान: इस दिन गुड़, गेहूँ, लाल कपड़े या तांबे के बर्तन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र: नियमित रूप से ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करना वृश्चिक संक्रांति के दौरान सूर्य के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।
