वास्तु शास्त्र: दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें ये चीजें

वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम दिशा का विशेष महत्व है। इस दिशा में कुछ चीजें रखने से घर में सुख-समृद्धि का अभाव हो सकता है। जानें कि पूजा घर, रसोईघर और अंधेरे का इस दिशा में क्या प्रभाव पड़ता है। यह जानकारी आपके घर के वास्तु दोष को समझने में मदद करेगी।
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वास्तु शास्त्र: दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें ये चीजें

दक्षिण-पश्चिम दिशा का महत्व


वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व होता है। यह माना जाता है कि सुखद जीवन के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा में कुछ गलत चीजें रखी जाएं, तो इससे घर में सुख-समृद्धि का अभाव हो सकता है। इसके साथ ही, यह वास्तु दोष का कारण भी बन सकता है। आइए जानते हैं कि इस दिशा में किन चीजों को रखना अशुभ माना जाता है।


दक्षिण-पश्चिम दिशा क्या है?

दक्षिण और पश्चिम दिशा के बीच का स्थान दक्षिण-पश्चिम दिशा कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसका संबंध राहु और केतु से होता है। इसलिए, इस दिशा में कुछ भी रखने से पहले वास्तु के नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है।


पूजा घर न बनाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूलकर भी इस दिशा में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए। यह स्थान भारी ऊर्जा से जुड़ा होता है, और पूजा घर बनाने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। इससे पूजा में बाधा आती है और परिवार के सदस्यों का मन अशांत रहता है।


रसोईघर का स्थान

दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोईघर नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आर्थिक नुकसान भी हो सकता है, जिससे व्यापार में भी धन की कमी हो सकती है।


अंधेरा न रखें

इस दिशा में अंधेरा नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है, जिससे धन टिक नहीं पाता। इसके परिणामस्वरूप घर में कलह और क्लेश का माहौल बना रहता है।