माउंट एवरेस्ट पर बर्फीले तूफान में फंसे 1,000 पर्वतारोही, बचाव कार्य जारी

तिब्बत के माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में रविवार को आए भयंकर बर्फीले तूफान ने लगभग 1,000 पर्वतारोहियों को फंसा दिया है। भारी बर्फबारी और बारिश के कारण कई पर्वतारोही बर्फ में फंस गए हैं, जिन्हें बचाने के लिए स्थानीय ग्रामीण और बचावकर्मी जुटे हुए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 350 ट्रैकर्स को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है, जबकि 200 से अधिक पर्वतारोही अब भी बर्फीले तूफान में फंसे हुए हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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माउंट एवरेस्ट पर बर्फीले तूफान में फंसे 1,000 पर्वतारोही, बचाव कार्य जारी

भयंकर बर्फीले तूफान का कहर

रविवार को तिब्बत के माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में आए भयंकर बर्फीले तूफान ने लगभग 1,000 पर्वतारोहियों को फंसा दिया। हिमालय में असामान्य रूप से भारी बर्फबारी और बारिश के चलते कई पर्वतारोही बर्फ में फंस गए, जिन्हें बचावकर्मियों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। समाचार एजेंसी के अनुसार, रविवार तक 350 ट्रैकर्स कुदांग नामक छोटे कस्बे में पहुँच चुके थे, जबकि 200 से अधिक ट्रैकर्स से संपर्क स्थापित किया गया।


बचाव कार्य की चुनौतियाँ

रविवार को शिविर स्थलों पर फंसे पर्वतारोहियों की स्थिति बर्फबारी के कारण और भी गंभीर हो गई। सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण और बचावकर्मी आवश्यक सामान लेकर घटनास्थल की ओर बढ़े, जहां शुक्रवार से लगातार हिमपात हो रहा है। सरकारी चैनल के अनुसार, 200 से अधिक पर्वतारोही अब भी बर्फीले तूफान में फंसे हुए हैं, जबकि लगभग 350 को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।


माउंट एवरेस्ट की स्थिति

पहले की रिपोर्टों में बताया गया था कि चीन की ओर स्थित कर्मा घाटी में माउंट एवरेस्ट की ढलानों पर 1,000 से अधिक पर्यटक पर्वतारोही फंसे हुए हैं। फंसे पर्वतारोहियों द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से पता चलता है कि रविवार को तेज हवाओं और लगातार बर्फबारी के कारण रास्ते पूरी तरह से बर्फ में दब गए।


चीन में मौसम की स्थिति

चीन में माउंट एवरेस्ट को माउंट क्योमोलंग्मा कहा जाता है, जिसकी ऊंचाई 8,849 मीटर से अधिक है और यह दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। इस बीच, दक्षिण चीन के ग्वांगदोंग प्रांत के झानजियांग शहर के शूवेन काउंटी के पूर्वी तट पर रविवार को तूफान मैत्मो ने दस्तक दी। स्थानीय सरकारों ने ग्वांगदोंग और हैनान के दक्षिणी प्रांतों से लगभग 3,47,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।