बड़ी दूधी घास के स्वास्थ्य लाभ: जानें इसके अद्भुत गुण

बड़ी दूधी घास के फायदे

वैज्ञानिक अनुसंधानों से पता चला है कि बड़ी दूधी घास में फ्लैवोनोइड्स जैसे अफ्जेलिन, क्वेर्सिट्रिन, मायरिसिट्रिन, रुटिन और क्वेर्सिटिन होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
प्रकृति ने हमें कई अनमोल उपहार दिए हैं, जिनमें से एक है बड़ी दूधी घास। इसे वैज्ञानिक रूप से यूफोरबिया हिर्टा के नाम से जाना जाता है। यह घास कई औषधीय गुणों से भरपूर है, जो हमारी सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकते हैं। भारत में इसे आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा में सदियों से उपयोग किया जा रहा है। यह खांसी, दमा, पेट की समस्याओं और मलेरिया जैसी बीमारियों में सहायक होती है।
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इसके औषधीय गुणों की पुष्टि की है। इसमें टैनिक एसिड, ट्राइटरपीनॉइड्स जैसे बीटा अमीरिन और फाइटोस्टेरोल भी शामिल हैं। इसके अलावा, शिंकिमिक एसिड, अल्केन और पॉलीफेनोल्स भी मौजूद हैं, जो सूजन को कम करने और बैक्टीरिया तथा फंगस से लड़ने में मदद करते हैं।
बड़ी दूधी घास के लाभ
1. डायबिटीज: इसे आयुर्वेद में दुग्धिका या शीता के नाम से जाना जाता है। यह इंसुलिन के प्रभाव को बढ़ाता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
2. अस्थमा: बड़ी दूधी घास अस्थमा और अन्य सांस संबंधी समस्याओं में मददगार है। इसका काढ़ा पीने से फेफड़ों की सूजन कम होती है।
3. त्वचा: यह कील-मुंहासे और खुजली जैसी त्वचा की समस्याओं में भी लाभकारी है। इसके दूध या पत्तों का पेस्ट लगाने से संक्रमण से राहत मिलती है।
4. पाचन: यह दस्त, पेचिश और पेट दर्द में सहायक है। इसके पत्तों, तने और जड़ का काढ़ा पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
5. महिलाओं के लिए: यह स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए फायदेमंद है और मासिक धर्म के अनियमित होने में भी सहायक है।
6. आंख-कान: नेत्र रोगों में इसके रस का उपयोग आंखों में डालने से राहत मिलती है।