नोएडा में 500 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, सार्वजनिक परिवहन में सुधार की दिशा में कदम

नोएडा प्राधिकरण ने 500 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना है। इस परियोजना की लागत 675 करोड़ रुपये है और इसे 250 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही, एक नया एक्सप्रेसवे भी बनाया जाएगा, जो दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ेगा। जानें इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में और कैसे यह क्षेत्र में यात्रा को सुगम बनाएगा।
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नोएडा में 500 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, सार्वजनिक परिवहन में सुधार की दिशा में कदम

नोएडा में इलेक्ट्रिक बसों का नया प्रोजेक्ट

नोएडा प्राधिकरण जल्द ही 500 इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारने की योजना बना रहा है, जिसका उद्देश्य नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना है। अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत 675 करोड़ रुपये है और इसे 250 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ये बसें चरणबद्ध तरीके से संचालित होंगी।


बस सेवा के लिए चयनित कंपनियाँ

टेंडर प्रक्रिया के बाद दो निजी कंपनियों को चयनित किया गया है। इलेक्ट्रिक बस सेवा 25 मार्गों पर चलेगी, जिसमें शहर के प्रमुख आंतरिक मार्गों के साथ-साथ नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेवर) तक की कनेक्टिविटी शामिल है। प्रस्तावित मार्गों में शशि चौक से एसे सिटी, कसना गांव से शारदा विश्वविद्यालय, टिगरी गोल चक्कर से रजनीगंधा चौक, एक मूर्ति चौक से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, बोटैनिकल गार्डन से सम्पूर्णम और दादरी से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय तक का मार्ग शामिल है।


परियोजना की लागत और राजस्व

अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस परियोजना का संचालन करने में लगभग 370 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का खर्च आएगा, जबकि किराए और विज्ञापन के माध्यम से वार्षिक राजस्व लगभग 145 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।


नई एक्सप्रेसवे का निर्माण

इसके अलावा, क्षेत्र में एक वैकल्पिक मार्ग भी जल्द ही तैयार होगा, जो यात्रा के समय को कम करेगा और ट्रैफिक से संबंधित समस्याओं का समाधान करेगा। दिल्ली-एनसीआर में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए केंद्रीय सरकार ने 30 किलोमीटर लंबे नए एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और भविष्य के जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ेगा। यह मार्ग यमुना नदी के किनारे मौजूदा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर बनेगा और पुसhta रोड को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। यह प्रस्ताव गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसे हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दी।