जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में मादा फ्लोरा ने तीन शावकों को जन्म दिया

जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में तेरह वर्षीय मादा लेपर्ड फ्लोरा ने तीन नए शावकों को जन्म दिया है। यह जंगल अब तक 90 शावकों का घर बन चुका है और यहां की लेपर्ड की संख्या लगातार बढ़ रही है। फ्लोरा का योगदान इस रिजर्व के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है। जानिए इस अद्भुत जंगल की खासियतें और फ्लोरा के शावकों का इतिहास।
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जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में मादा फ्लोरा ने तीन शावकों को जन्म दिया

फ्लोरा का योगदान

जयपुर। तेरह वर्षीय मादा लेपर्ड फ्लोरा अब मां आरती और बूढ़ी मां की तरह झालाना लेपर्ड रिजर्व के परिवार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बुधवार को सफारी के दौरान उसे जंगल में तीन शावकों के साथ देखा गया। जानकारी के अनुसार, फ्लोरा अब तक नौ बार में 17 शावकों को जन्म दे चुकी है। उसे झालाना की मछली के नाम से भी जाना जाता है। खास बात यह है कि उसके शावक भी अब इस रिजर्व के परिवार को आगे बढ़ा रहे हैं।


झालाना जंगल में बढ़ती लेपर्ड की संख्या

राजधानी जयपुर के निकट लगभग 20 वर्ग किलोमीटर में फैले झालाना जंगल में लेपर्ड की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में यहां लगभग 45 लेपर्ड पाए जाते हैं, जिसके कारण इसे नर्सरी ऑफ लेपर्ड भी कहा जाता है। 2012 से 2025 के बीच यहां करीब 90 शावक जन्मे हैं। मादा लेपर्ड आरती और बूढ़ी मां का वंश प्रमुख है, क्योंकि लगभग 60 प्रतिशत शावक इन्हीं से संबंधित हैं। मादा लेपर्ड फ्लोरा भी आरती की संतान है।


पहला जंगल, जहां हर लेपर्ड को नाम से पहचान

झालाना का यह जंगल देश के पहले लेपर्ड प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया गया है, जहां हर लेपर्ड को नाम से पहचाना जाता है। वनकर्मी, अधिकारी और वन्यजीव प्रेमी यहां राणा, बहादुर, फ्लोरा, कैटरीना, प्रिंस, कटप्पा, मिसेज खान जैसे कई लेपर्ड के नामों से परिचित हैं। यह देश का पहला जंगल है, जहां हर लेपर्ड की नाम से पहचान होती है।


फ्लोरा के शावकों का इतिहास

फ्लोरा ने पहली बार 2015 में मां बनने का अनुभव किया, जब उसने लेपर्ड प्रिंस, कैटरीना और जलेबी को जन्म दिया। इसके बाद, 2016 में जूलियट और क्लियोपेट्रा, 2018 में सिबा, 2020 में लेपर्ड केसर के अलावा तीन अन्य शावक जन्मे। 2021 में हीरा और पन्ना, 2022 में तितली और 2024 में संग्राम का जन्म हुआ। इस वर्ष उसे तीन नए शावकों के साथ देखा गया है।


विशेषज्ञों की राय

लेपर्ड फ्लोरा को तीन शावकों के साथ देखा गया है, और उसकी मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। फ्लोरा का योगदान झालाना जंगल के कुनबे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। अब तक, इस लेपर्ड ने 17 शावकों को जन्म दिया है। - जितेंद्र सिंह शेखावत, क्षेत्रीय वन अधिकारी, वन विभाग