कश्मीर में मानसून की तबाही: स्कूल और कॉलेज बंद, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात प्रभावित

कश्मीर में मानसून ने भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात भी प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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कश्मीर में मानसून की तबाही: स्कूल और कॉलेज बंद, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात प्रभावित

मानसून का कहर

मानसून अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इसने उत्तर भारत में भारी तबाही मचाई है। हाल के हफ्तों में मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया। कई स्थानों पर बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुईं। जम्मू-कश्मीर में भी इस बार मौसम ने गंभीर नुकसान पहुंचाया।


स्कूल और कॉलेजों की बंदी

खराब मौसम और बाढ़ के कारण कश्मीर संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल, साथ ही कॉलेज बुधवार (3 सितंबर) को बंद रहे। संभागीय आयुक्त ने छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10 और 11 की परीक्षाएं स्थगित कर दीं, जबकि जम्मू विश्वविद्यालय ने सभी कक्षाएं रद्द कर दीं, जिससे शिक्षा में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ।


श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोक

कश्मीर घाटी में लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि झेलम नदी और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं, लेकिन अन्य जलस्त्रोतों में जलस्तर बढ़ गया है।


वाहनों के लिए मार्ग बंद

अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। भूस्खलन और जलजमाव की स्थिति के कारण यह निर्णय लिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर, कश्मीर में सभी शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहेंगे।


भारी बारिश और नए चेतावनी

मौसम विज्ञानियों ने अगले 16 घंटों में जम्मू, कठुआ, रियासी, डोडा, उधमपुर, राजौरी, रामबन और दक्षिण कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी है। रामबन के बटोटे में सबसे अधिक 55.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है।


राहत कार्य और आलोचना

विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने जम्मू-कश्मीर सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की और केंद्रीय तथा स्थानीय एजेंसियों के राहत कार्यों की सराहना की। 200 परिवारों के पुनर्वास और प्रभावित किसानों के लिए सहायता की मांग की गई है, जिससे राहत प्रयासों की तात्कालिकता बढ़ गई है।