आयुष दवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

आयुष दवाओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम
नई दिल्ली, 13 सितंबर: आयुष मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के लिए औषधि आयोग द्वारा एक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य आयुष दवाओं के नियमन और गुणवत्ता को बढ़ाना है।
यह पांच दिवसीय कार्यक्रम 8 से 12 सितंबर तक गाज़ियाबाद में आयोजित किया गया, जिसका लक्ष्य आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं के लिए नियामक ढांचे, गुणवत्ता आश्वासन और मानकीकरण प्रक्रियाओं को मजबूत करना था।
इस प्रशिक्षण में भारत के विभिन्न हिस्सों से 27 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो नियामक निकायों, अनुसंधान परिषदों, औषधीय उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करते थे।
सम्पूर्ण सत्रों का उद्देश्य औषधि प्रवर्तन अधिकारियों, गुणवत्ता नियंत्रण कर्मियों और दवा निर्माताओं को औषधि मानकों और अच्छे निर्माण प्रथाओं (GMP) में उन्नत ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था।
तकनीकी सत्रों में औषधि पहचान, फाइटोकैमिकल विश्लेषण और GMP अनुपालन के साथ-साथ औषधि विज्ञान और रसायन प्रयोगशालाओं में व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल था।
विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा दिए गए व्याख्यानों में शेल्फ-लाइफ अध्ययन और नियामक ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया गया, इसके बाद नोएडा में डॉ. विलमार श्वाबे इंडिया और गाज़ियाबाद में हमदर्द प्रयोगशालाओं का औद्योगिक दौरा किया गया, जिससे वास्तविक दुनिया का अनुभव प्राप्त हुआ।
सत्रों में सूक्ष्मजीव विज्ञान और औषधीय मूल्यांकन, धातु और खनिज दवाओं का मानकीकरण, और नियामक पहलुओं पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने प्रयोगशाला प्रशिक्षण में भाग लिया और साइट पर हर्बल बाग का दौरा किया।
सत्रों में NABL मान्यता, GMP और सिद्ध दवाओं के मानकीकरण पर भी चर्चा की गई।
प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों द्वारा संचालित व्याख्यानों, व्यावहारिक प्रयोगशाला सत्रों और क्षेत्रीय दौरे के इस अनूठे मिश्रण की सराहना की।
यह प्रशिक्षण उनके औषधि मानकों, GMP और नियामक अनुपालन की समझ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे ASU&H दवाओं की सुरक्षा, प्रभावशीलता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को मजबूत किया गया।