हेमा मालिनी: बॉलीवुड में कदम रखने से पहले की कहानी
हेमा मालिनी का परिचय
हेमा मालिनी
हेमा मालिनी: बॉलीवुड की सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने अपनी अदाकारी, नृत्य कौशल और आकर्षण से दर्शकों का दिल जीता है। फिल्म उद्योग में अपार सफलता के बाद, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और वर्तमान में मथुरा से भाजपा की सांसद हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड में कदम रखने से पहले हेमा मालिनी का जीवन कैसा था?
हेमा ने 1968 में फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ से अपने करियर की शुरुआत की। इससे पहले, उन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी काम किया, लेकिन लीड रोल पाने के लिए उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा।
दक्षिण भारतीय सिनेमा में करियर की शुरुआत
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु में हुआ। उन्होंने बचपन से ही नृत्य में रुचि दिखाई और भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और मोहिनीअट्टम की शिक्षा ली। 1960 के दशक की शुरुआत में, उन्होंने फिल्म उद्योग में कदम रखने का निर्णय लिया। 15 साल की उम्र में, उन्हें 1963 की तमिल फिल्म ‘इधु सथियम’ में एक छोटी भूमिका में देखा गया। इसके बाद, उन्होंने तेलुगु फिल्म ‘पांडव वनवासम’ (1965) में भी काम किया।
लीड रोल की तलाश में संघर्ष
हेमा ने छोटी भूमिकाओं में काम किया, लेकिन लीड रोल पाने के लिए संघर्ष करती रहीं। उन्होंने चेन्नई के विभिन्न फिल्म स्टूडियो में स्क्रीन टेस्ट दिए, लेकिन उन्हें निरंतर रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। एक बार, तमिल फिल्म निर्देशक सी.वी. श्रीधर ने उन्हें कहा कि उनके चेहरे में स्टार जैसी चमक नहीं है। फिर भी, हेमा ने हार नहीं मानी और अंततः ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से मशहूर हो गईं।
150 से अधिक फिल्मों में योगदान
अपने लंबे और सफल करियर में, हेमा ने ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘ड्रीम गर्ल’, ‘नसीब’, ‘बागवान’, ‘राज तिलक’, ‘जॉनी मेरा नाम’, और ‘तुम हसीं मैं जवां’ जैसी करीब 150 फिल्मों में काम किया है।
