स्रीदेवी की फिल्म 'मॉम': एक भावनात्मक प्रतिशोध की कहानी

फिल्म 'मॉम' में स्रीदेवी ने एक माँ की भूमिका निभाई है, जो अपनी बेटी के लिए प्रतिशोध की तलाश में है। इस फिल्म में उनके प्रदर्शन के साथ-साथ सहायक कास्ट की भूमिकाएँ भी महत्वपूर्ण हैं। निर्देशक रवि उद्यावर ने एक भावनात्मक कहानी को जीवंत किया है, जो दर्शकों को बांधकर रखती है। स्रीदेवी की इस फिल्म में उनके अनुभव और सह-कलाकारों के साथ उनके संबंधों की झलक भी देखने को मिलती है।
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स्रीदेवी की फिल्म 'मॉम': एक भावनात्मक प्रतिशोध की कहानी

फिल्म की कहानी और स्रीदेवी का प्रदर्शन

फिल्म 'मॉम' में एक नैतिक कथा की गहराई है, जो स्रीदेवी के केंद्रीय प्रदर्शन से उभरती है। वह एक माँ की भूमिका में हैं, जो अपनी असंतुष्ट बेटी से स्वीकृति की तलाश में है। एक पारिवारिक संकट के बाद, दोनों के बीच एक बंधन बनता है। इस पुरानी कहानी को नए तरीके से पेश करते हुए, नवोदित निर्देशक ने प्रतिशोध की एक प्रभावशाली गाथा बनाई है, जो दर्शकों को परेशान करने के साथ-साथ संतुष्ट भी करती है। एक मजबूत प्रतिशोध की कहानी की पहचान यह है कि दर्शक नायक के मन में प्रवेश कर सकें और उसकी पीड़ा को महसूस कर सकें। यहाँ, स्रीदेवी हमें एक पल की भी राहत नहीं देतीं। उनकी बेटी की स्थिति पर उनकी पीड़ा को देखना कठिन है। वह सच में प्रभावशाली हैं।


स्रीदेवी ने माँ देवकी की भूमिका में अपनी पहचान को पूरी तरह से समर्पित कर दिया है, और उनके चरित्र के कार्यों और गलतियों के साथ बहती हैं। जैसे-जैसे वह एक दृढ़ प्रतिशोधी में बदलती हैं, उनकी शारीरिक भाषा भी बदल जाती है। एक दृश्य में, वह पुलिस अधिकारी के सामने खड़ी होती हैं, और उनके चेहरे पर contempt की झलक होती है, जो पहले की सामान्य नागरिक की झिझक को समाप्त कर देती है।


सहायक कास्ट और उनके प्रदर्शन

'मॉम' केवल स्रीदेवी के प्रदर्शन तक सीमित नहीं है। उनके कई पूर्व फिल्मों के विपरीत, जहाँ अन्य कलाकारों की भूमिकाएँ गौण हो जाती थीं, इस फिल्म में एक मजबूत सहायक कास्ट है। साजल अली, जो स्रीदेवी की बेटी की भूमिका निभा रही हैं, कमजोर और मजबूत दोनों हैं। वह स्रीदेवी के सामने अपनी जगह बनाए रखती हैं, हालांकि उनके पास एक साथ ज्यादा दृश्य नहीं हैं।


अदनान सिद्दीकी स्रीदेवी के पति के रूप में शानदार हैं। वे एक ऐसे जोड़े की तरह दिखते हैं जो खुशी और दुख दोनों में एक साथ हैं। अक्षय खन्ना एक पुलिस अधिकारी के रूप में शानदार हैं, जो कर्तव्य और न्याय के बीच फंसे हुए हैं। उनके और स्रीदेवी के बीच एक महत्वपूर्ण दृश्य है, जहाँ वह अपनी क्षमता साबित करते हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक साधारण जासूस के रूप में कुछ सबसे पसंदीदा दृश्यों में नजर आते हैं।


निर्देशन और फिल्म की लंबाई

निर्देशक रवि उद्यावर सभी पात्रों और उनके प्रदर्शन को एक समान स्तर पर बनाए रखते हैं, जो फिल्म को एक भावनात्मक संतोष का अनुभव देता है। फिल्म लगभग 2.5 घंटे लंबी है, लेकिन कहीं भी कहानी को आराम करने का मौका नहीं मिलता। नाटकीय तनाव निरंतर बना रहता है।


हालांकि कुछ नकारात्मक पात्रों के दृश्य थोड़े स्पष्ट हो सकते थे, लेकिन कहानी की प्रवाह में सूक्ष्मता स्वाभाविक रूप से आती है। 'मॉम' एक महत्वपूर्ण फिल्म है। इसके विषय में कुछ नया नहीं है, लेकिन निर्देशक हर दृश्य में एक मजबूत जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हैं।


स्रीदेवी का अनुभव और फिल्म के प्रति उनकी भावनाएँ

स्रीदेवी ने 'मॉम' के रिलीज पर कहा था कि यह फिल्म उन्हें स्टूडियो में वापस आने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत भावनात्मक फिल्म है और मुझे ऐसे महान कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला।" उन्होंने अपनी सह-कलाकार साजल अली के साथ अपने संबंधों के बारे में भी बात की।


उन्होंने यह भी कहा कि वह और उनके पति कभी-कभी मिठाइयों का आनंद लेते हैं, लेकिन अगले दिन संतुलन बनाने के लिए अतिरिक्त व्यायाम करते हैं।