सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: 2026 में 10 ग्राम सोने की कीमत 1.60 लाख रुपये तक पहुंचने की संभावना

2025 में सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो 78,950 रुपये से बढ़कर 1,38,550 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। J.P. Morgan के विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 के अंत तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो भारतीय बाजार में लगभग 1.60 लाख रुपये के बराबर होगा। जानें कि क्यों सोने की मांग बढ़ रही है और निवेशकों की क्या उम्मीदें हैं।
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सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: 2026 में 10 ग्राम सोने की कीमत 1.60 लाख रुपये तक पहुंचने की संभावना

सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: 2026 में 10 ग्राम सोने की कीमत 1.60 लाख रुपये तक पहुंचने की संभावना
J.P. Morgan makes a big claim: The price of 10 grams of gold will be this much in 2026.

2025 में सोने की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसने निवेशकों और आम जनता का ध्यान आकर्षित किया है। 31 दिसंबर 2024 को सोने की कीमत 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब बढ़कर 1,38,550 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इस प्रकार, एक वर्ष में सोने की कीमत में 59,600 रुपये प्रति 10 ग्राम की वृद्धि हुई है।

इस तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण निवेशकों में सोने के प्रति उत्साह और मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि, बढ़ती कीमतों के कारण मध्यम वर्ग के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बावजूद सोने में निवेश का आकर्षण बना रहेगा।

2026 में सोने की कीमतों में और वृद्धि की संभावना
J.P. Morgan की ग्लोबल कमोडिटीज स्ट्रैटेजी प्रमुख नताशा कानेवा के अनुसार, केंद्रीय बैंकों और बड़े निवेशकों के बीच सोने में विविधीकरण का दीर्घकालिक रुझान जारी रहेगा। उनका अनुमान है कि 2026 के अंत तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो भारतीय बाजार में लगभग 1.60 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर होगा।

सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर अमेरिकी डॉलर, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कमी की संभावना और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं। अनिश्चित आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों में सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बना हुआ है। यही कारण है कि इसे संकट के समय में बीमा के रूप में देखा जा रहा है।

निवेश और केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग
J.P. Morgan में बेस और कीमती धातुओं के रणनीति प्रमुख ग्रेगरी शीयर के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में निवेशकों और केंद्रीय बैंकों की कुल सोने की मांग लगभग 980 टन रही, जो पिछले चार तिमाहियों के औसत से 50 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में निवेशकों ने औसतन 3,458 डॉलर प्रति औंस की कीमत पर लगभग 109 अरब डॉलर का निवेश किया, जो लगभग 950 टन सोने के बराबर है। यह आंकड़ा भी पिछले चार तिमाहियों के औसत से 90 प्रतिशत अधिक है।

मध्यम वर्ग की चिंताएं और निवेशकों की उम्मीदें
जहां एक ओर आम लोगों के लिए सोना महंगा होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों को इसमें दीर्घकालिक मजबूती की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक सोने की कीमतों में मजबूती का रुझान जारी रह सकता है।