सिंगल मॉल्ट और डबल मॉल्ट शराब: जानें क्या है अंतर

शराब पीने वालों की संख्या में वृद्धि के साथ, सिंगल मॉल्ट और डबल मॉल्ट शराब के बीच का अंतर जानना महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि सिंगल मॉल्ट शराब क्या होती है, इसे कैसे बनाया जाता है, और डबल मॉल्ट शराब से इसका क्या फर्क है। इसके अलावा, भारत में शराब की खपत के आंकड़े भी साझा किए जाएंगे, जिससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन से राज्य में शराब का सेवन सबसे अधिक होता है।
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सिंगल मॉल्ट और डबल मॉल्ट शराब: जानें क्या है अंतर

शराब की बढ़ती लोकप्रियता

शराब पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, भले ही इसके सेवन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हो। शराब से जुड़ी कई ऐसी जानकारी है, जो पीने वालों को भी नहीं पता होती। क्या आप जानते हैं कि सिंगल मॉल्ट और डबल मॉल्ट शराब में क्या अंतर है? आइए, इस लेख में हम आपको बताते हैं कि इन दोनों प्रकार की शराब में क्या भिन्नता है।


शराब का सेवन और इसके कारण

हर जगह यह कहा जाता है कि शराब की एक बूंद भी हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है। फिर भी, लोग इसे पीने के बहाने ढूंढते रहते हैं। कुछ लोग इसे दवा के रूप में लेते हैं, जबकि अन्य इसे दिनभर की थकान मिटाने के लिए पीते हैं।


सिंगल मॉल्ट शराब क्या है?

सिंगल मॉल्ट शराब या सिंगल मॉल्ट व्हिस्की को सबसे प्रीमियम माना जाता है। इसे बनाने के लिए केवल एक प्रकार के अनाज का उपयोग किया जाता है, जैसे कि मक्का या गेहूं, और इसे एक ही डिस्टिलरी में तैयार किया जाता है। यही कारण है कि यह शराब महंगी होती है और इसे उच्च गुणवत्ता की मानी जाती है। सिंगल मॉल्ट व्हिस्की का सबसे अधिक उत्पादन स्कॉटलैंड में होता है।


डबल मॉल्ट शराब कैसे बनती है?

डबल मॉल्ट शराब को बनाने के लिए दो प्रकार के अनाज का उपयोग किया जाता है और इसे दो डिस्टिलरी में तैयार किया जाता है। इस कारण से, यह सिंगल मॉल्ट की तुलना में सस्ती होती है। स्वाद के मामले में, सिंगल मॉल्ट शराब का स्वाद हल्का होता है, जबकि डबल मॉल्ट का स्वाद काफी मजबूत होता है।


भारत में शराब की खपत

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में देश में बिकने वाली कुल शराब का लगभग 45 प्रतिशत सेवन हुआ। छत्तीसगढ़ सबसे अधिक शराब पीने वाले राज्यों में पहले स्थान पर है, जहां लगभग 35.6 प्रतिशत आबादी शराब का सेवन करती है। त्रिपुरा दूसरे स्थान पर है, जहां लगभग 34.7 प्रतिशत लोग शराब का सेवन करते हैं। आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां लगभग 34.5 प्रतिशत लोग नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं।