शोले के गब्बर पर शादाब खान की भविष्यवाणी: अमिताभ का किरदार असफल होगा

शादाब खान की राय
अमजद खान ने शोले में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर अमर हो गए। लेकिन उनके बेटे शादाब खान, जिन्होंने रानी मुखर्जी के साथ राजा की आएगी बारात में मुख्य भूमिका निभाई, ने 2006 में ही यह महसूस किया था कि राम गोपाल वर्मा को इस फिल्म का रीमेक नहीं बनाना चाहिए।
रीमेक के बारे में शादाब का विचार
शादाब ने कहा, "शोले का रीमेक बनाना एक बहुत बुरा विचार है। चाहे राम गोपाल वर्मा कितनी भी अच्छी कोशिश करें, वह मूल फिल्म से बेहतर नहीं बना पाएंगे। रमेश सिप्पी की शोले जादुई थी। आप एक किंवदंती (अमिताभ बच्चन) को दूसरी किंवदंती का किरदार निभाने के लिए नहीं ले सकते। यह ऐसा है जैसे किशोर कुमार को मोहम्मद रफी का गाना गाने के लिए कहना।"
गब्बर की छवि
शादाब ने सही कहा कि उनके पिता का गब्बर का चित्रण दर्शकों की यादों में गहराई से बसा हुआ है। "बच्चन साहब और मेरे पिता दोनों की छवियाँ बहुत मजबूत हैं। यह काम नहीं करेगा। मेरे पिता का गब्बर का चित्रण बहुत मजबूत है। वर्मा जो भी करेंगे, वह केवल एक कार्टून जैसा लगेगा।"
पिता की कठिनाइयाँ
शादाब ने बताया कि जब उनके पिता ने गब्बर का किरदार निभाया, तब वह बहुत कठिनाई में थे। "जब मेरे पिता ने यह भूमिका निभाई, तब उनके पास पैसे नहीं थे और उनके पिता (अभिनेता जयंती) गंभीर रूप से बीमार थे।"
गब्बर की तुलना
शादाब ने कहा, "मेरे पिता ने शोले में सब कुछ डाल दिया। लेकिन बच्चन साहब के लिए, शोले बस एक और फिल्म है। मुझे नहीं लगता कि वह इस शोले में वही तीव्रता डाल पाएंगे।"
राम गोपाल वर्मा का शोले
शादाब की भविष्यवाणी सही साबित हुई। राम गोपाल वर्मा का शोले एक आपदा साबित हुआ। बच्चन साहब का गब्बर (जिसे कॉपीराइट कारणों से बाब्बन नाम दिया गया) ने कोई छाप नहीं छोड़ी।