शोले: इस क्लासिक फिल्म का असली अंत और उसके बदलाव की कहानी

शोले, भारतीय सिनेमा की एक अमर कृति, अब इटली के एक फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित होने जा रही है। इस फिल्म का असली अंत क्या था और क्यों इसे बदलना पड़ा, यह जानने के लिए पढ़ें। अमिताभ बच्चन ने गब्बर का किरदार निभाने की इच्छा जताई थी, लेकिन उन्हें जय का रोल मिला। जानें इस क्लासिक फिल्म के अंत में हुए बदलाव के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव को।
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शोले: इस क्लासिक फिल्म का असली अंत और उसके बदलाव की कहानी

शोले का असली अंत: एक नई रोशनी में

शोले, भारतीय सिनेमा की सबसे प्रिय फिल्मों में से एक है, जो अपनी रिलीज के पांच दशकों बाद भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है। यह फिल्म इटली के बोलोग्ना में 'इल सिनेमा रिट्रोवाटो' महोत्सव में प्रदर्शित होने जा रही है, जो इस फिल्म के वैश्विक सिनेमा पर प्रभाव को दर्शाता है। इस महोत्सव में रामेश सिप्पी की निर्देशित फिल्म का एक मूल, बहाल और बिना काटा गया संस्करण दिखाया जाएगा, जिसमें भारतीय दर्शकों को निर्माताओं द्वारा योजना बनाई गई असली समाप्ति के बारे में जानकारी नहीं है।


शोले का असली अंत: क्या था?

असली अंत में, ठाकुर को गब्बर सिंह को अपने नुकीले जूतों से मारना था। लेकिन इसे बदलकर जय (अमिताभ बच्चन) की मौत को दिखाया गया और ठाकुर केवल गब्बर पर हमला करता है। गब्बर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन जय की मौत ने प्रशंसकों को दुखी कर दिया।


अंत के बदलाव का कारण

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, शोले के अंत में बदलाव सेंसरशिप के मुद्दों के कारण हुआ। सेंसर बोर्ड ने महसूस किया कि ठाकुर द्वारा गब्बर की हत्या का दृश्य सही नहीं था, क्योंकि वह एक ईमानदार पुलिस अधिकारी थे। उन्होंने कथानक को हिंसक बताया और रामेश सिप्पी को इसे बदलने के लिए मजबूर किया।


शोले के प्रमुख कलाकार

शोले में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, अमजद खान, हेमा मालिनी और जया बच्चन जैसे प्रमुख कलाकार हैं। फिल्म ने अपनी रिलीज के समय बड़ी सफलता हासिल की और उस वर्ष की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई।