शिलाजीत: असली और नकली की पहचान कैसे करें?

शिलाजीत का महत्व और पहचान
शिलाजीत, जो पहाड़ों में प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है, एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जिसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद में इसे थकान को कम करने, शरीर की शक्ति बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए उपयोग किया जाता है। हाल के समय में इसकी मांग में वृद्धि के कारण बाजार में मिलावटी शिलाजीत की भरमार हो गई है।
ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल, हैदराबाद की प्रमुख डाइटीशियन डॉ. भावना पी ने बताया कि नकली शिलाजीत का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। असली शिलाजीत गहरे भूरे से काले रंग का होता है, जो गर्म होने पर चिपचिपा और ठंडा होने पर कठोर हो जाता है। इसमें फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड और कई सूक्ष्म खनिज होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद हैं।
नकली और असली शिलाजीत की पहचान
– असली शिलाजीत गर्म पानी या दूध में पूरी तरह घुल जाता है, जबकि नकली में टुकड़े दिखाई देते हैं।
– असली शिलाजीत आग नहीं पकड़ता, जबकि नकली में जलने वाले तत्व हो सकते हैं।
– इसकी गंध मिट्टी जैसी होती है और स्वाद कड़वा होता है। अत्यधिक मीठा या बेस्वाद शिलाजीत नकली हो सकता है।
– सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस (CoA) प्रदान करने वाले ब्रांड से ही शिलाजीत खरीदना बेहतर होता है।
किसे नहीं खाना चाहिए शिलाजीत?
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, किडनी की समस्याओं से ग्रस्त लोग, गाउट या ब्लड थिनर का सेवन करने वाले व्यक्तियों को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में या अशुद्ध शिलाजीत लेने से भारी धातुओं की विषाक्तता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।