शारदीय नवरात्र 2025: पारण की सही तिथि और विधि

शारदीय नवरात्र 2025 में पारण की तिथि को लेकर भक्तों में भ्रम है। जानें कि नवमी या दशमी को व्रत खोलना अधिक शुभ है। इस लेख में पारण की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और आवश्यक नियमों की जानकारी दी गई है। देवी दुर्गा की पूजा के साथ पारण का महत्व भी समझें।
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शारदीय नवरात्र 2025: पारण की सही तिथि और विधि

शारदीय नवरात्र 2025 पारण की तिथि

शारदीय नवरात्र 2025: पारण की सही तिथि और विधि

शारदीय नवरात्र 2025 पारण Image Credit source: Getty Images

नवरात्रि 2025 पारण कब है: शारदीय नवरात्र देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है। भक्त नौ दिनों तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की आराधना करते हैं और उपवास रखते हैं। लेकिन जब पारण का समय आता है, तो भक्तों के मन में यह सवाल उठता है कि व्रत नवमी को खोलना चाहिए या दशमी को। 2025 में भी इस विषय पर भक्तों में संदेह है। आइए जानते हैं पंचांग के अनुसार पारण की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े नियम।


शारदीय नवरात्र 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां

  • नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, मंगलवार शाम 06:06 बजे से
  • नवमी तिथि समाप्त: 01 अक्टूबर 2025, बुधवार रात 07:01 बजे तक
  • महानवमी पूजा: 01 अक्टूबर 2025, बुधवार उदया तिथि के अनुसार
  • दशमी तिथि प्रारंभ: 01 अक्टूबर 2025, बुधवार रात 07:01 बजे से
  • दशमी तिथि समाप्त: 02 अक्टूबर 2025, गुरुवार शाम 07:10 बजे तक
  • विजयादशमी/दशहरा: 02 अक्टूबर 2025, गुरुवार उदया तिथि के अनुसार


नवमी या दशमी: कब करें नवरात्र व्रत का पारण?

नवमी तिथि पर पारण: कन्या पूजन के बाद

जो भक्त नवमी तिथि पर कन्या पूजन और हवन करते हैं, वे हवन के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं। उत्तर भारत में यह परंपरा प्रचलित है। 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को महानवमी की पूजा और हवन होगा। इस दिन आप कन्या पूजन और हवन के बाद व्रत खोल सकते हैं।

नवमी हवन का शुभ मुहूर्त: 01 अक्टूबर 2025 को सुबह 06:20 बजे से लेकर सुबह 11:40 बजे तक रहेगा।

दशमी तिथि पर पारण: नवमी समाप्ति के बाद

ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि का व्रत प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तिथि की समाप्ति तक रखना श्रेष्ठ माना जाता है। व्रत का पारण नवमी तिथि समाप्त होने के बाद दशमी तिथि को करना उत्तम बताया गया है।

2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को दशमी तिथि रहेगी। जो लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं, उनके लिए दशमी तिथि पर सूर्योदय के बाद पारण करना सबसे शुभ माना जाता है।

व्रत पारण का शुभ मुहूर्त: 02 अक्टूबर 2025 को सुबह 06:15 बजे के बाद व्रत खोला जा सकता है।

यदि आपने 9 दिन का पूर्ण व्रत रखा है, तो 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को दशमी तिथि पर पारण करना सबसे श्रेष्ठ है। हालांकि, यदि आपके परिवार में नवमी पर कन्या पूजन के बाद व्रत तोड़ने की परंपरा है, तो आप 1 अक्टूबर को भी पारण कर सकते हैं। अपनी कुल परंपरा का पालन करना ही सबसे महत्वपूर्ण है.


व्रत पारण के नियम

पारण से पूर्व पूजा: व्रत खोलने से पहले देवी की पूजा, आरती और हवन यदि नवमी पर कर रहे हैं तो अवश्य करें.

कन्या पूजन: पारण से पहले नौ कन्याओं और एक बालक को भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लें। उन्हें दक्षिणा या उपहार दें.

शुद्ध भोजन: पारण के लिए हमेशा शुद्ध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। लहसुन, प्याज, मांसाहार या तामसिक भोजन का सेवन न करें.

व्रत खोलने की वस्तुएं: पारंपरिक रूप से व्रत पारण खीर, पूड़ी, हलवा या अन्य सात्विक फलाहार से किया जाता है.

कलश विसर्जन: यदि आपने घटस्थापना की है, तो दशमी तिथि को शुभ मुहूर्त देखकर कलश का विसर्जन करें.


पारण का महत्व

नवरात्रि व्रत का पारण करना उतना ही आवश्यक है जितना कि व्रत का आरंभ करना। मान्यता है कि सही तिथि और विधि से पारण करने पर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्रत सफल माना जाता है। पारण के समय माता को भोग अर्पित कर कन्याओं का पूजन करना भी विशेष फलदायी होता है.