शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा का दुखद आत्महत्या मामला: सुसाइड नोट में आरोप

शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ज्योति ने आत्महत्या कर ली, जिसके पीछे मानसिक प्रताड़ना का आरोप है। उसने एक सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। जानें इस दुखद मामले की पूरी जानकारी और छात्रों के प्रदर्शन के बारे में।
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शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा का दुखद आत्महत्या मामला: सुसाइड नोट में आरोप

शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा का आत्महत्या मामला

शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा का दुखद आत्महत्या मामला: सुसाइड नोट में आरोप


सॉरी, मैं अब और नहीं जी सकती. उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे अपमानित किया. मैं उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं… ये शब्द शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ज्योति के अंतिम संदेश थे। उसने अपने दर्द को एक सुसाइड नोट में व्यक्त किया और फिर हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यह घटना उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में हुई है।


ज्योति, जो गुरुग्राम के अशोक विहार की निवासी थी, ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा थी। उसने शुक्रवार को मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में आत्महत्या की। उसके सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है। इस मामले में उन दोनों प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया गया है और पुलिस जांच कर रही है।


सुसाइड नोट में ज्योति ने लिखा है कि अगर उसकी मौत होती है, तो इसके लिए PCP और डेंटल मेडिकल के शिक्षक जिम्मेदार होंगे। उसने महेंद्र सर और शैरी मैम का नाम लिया और कहा कि वे उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। उसने यह भी कहा कि वह चाहती है कि उन्हें जेल भेजा जाए। इस घटना के बाद, उसके परिवार और अन्य छात्रों ने प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की।


कमरे में अकेली थी ज्योति


जानकारी के अनुसार, ज्योति शुक्रवार शाम को अपने कमरे में अकेली थी। उसकी सहेलियाँ बाहर गई थीं। जब एक छात्रा ने दरवाजा खटखटाया, तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा खोलने पर उसे ज्योति फंदे पर लटकी हुई मिली। छात्रों ने बताया कि ज्योति पर एक फर्जी साइन करने का आरोप लगाया गया था, जिससे वह काफी परेशान थी। उसे लगातार तीन दिन PCP विभाग से बाहर किया गया था।


‘इतना टॉर्चर कैसे झेले कोई’


छात्रों के HOD ने कहा था कि अपने माता-पिता को बुलाओ, तुमने फाइल पर खुद ही साइन कर दिए। जब उसके माता-पिता आए, तब जाकर ज्योति को उसकी फाइल वापस मिली। शुक्रवार शाम को वह बहुत रो रही थी और उसे फेल करने की धमकी दी जा रही थी। छात्रों ने सवाल उठाया कि कोई इतना टॉर्चर कैसे सहन कर सकता है?