शशि कपूर का आशा पारेख के प्रति प्यार: बुर्का पहनकर मिलने की दिलचस्प कहानी
शशि कपूर और आशा पारेख का अनोखा रिश्ता
शशि कपूर, जो बॉलीवुड के सबसे आकर्षक और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक माने जाते थे, का नाम सुनते ही उनके फैंस की यादों में उनकी अदाकारी और हैंडसम लुक ताजा हो जाता है। उनके प्रति न केवल लाखों लड़कियों का प्यार था, बल्कि कई बॉलीवुड की अदाकाराएं भी उन्हें पसंद करती थीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शशि कपूर किस अदाकारा के प्रति दीवाने थे? एक बार तो उन्होंने एक अदाकारा से मिलने के लिए बुर्का पहन लिया था।
शशि कपूर उस अदाकारा से गले मिलना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने महिलाओं के कपड़े पहनने में भी संकोच नहीं किया। वह अदाकारा कोई और नहीं, बल्कि बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख थीं, जिन्होंने कभी शादी नहीं की। शशि और आशा ने एक साथ स्क्रीन पर भी काम किया है।
आशा पारेख के साथ शशि कपूर की मुलाकात
आशा पारेख, जो अब 83 वर्ष की हैं, ने 17 साल की उम्र में फिल्म 'दिल देकर देखो' (1959) से अपने करियर की शुरुआत की थी। उनकी पहली फिल्म ने ही उन्हें स्टार बना दिया। वहीं, शशि कपूर ने 1961 में 'धर्मपुत्र' से लीड एक्टर के रूप में डेब्यू किया। एक बार, जब शशि कश्मीर में 'जब जब फूल खिले' की शूटिंग कर रहे थे, तब आशा पारेख भी 'मेरे सनम' की शूटिंग कर रही थीं। उस समय आशा का नाम बॉलीवुड में काफी बड़ा हो चुका था।
Likhe Jo Khat Tujhe, Woh Teri Yaad Mein
Hazaaron Rang Ke Nazaare Ban Gaye…. Shashi Kapoor with Asha Parekh in Kanyadaan (1968)#shashikapoor #mostcharming #ashaparekh #hitgirl #60s #bollywoodflashback pic.twitter.com/J5JszN5Coh— Movies N Memories (@BombayBasanti) August 27, 2025
दोनों ही फिल्में 'जब जब फूल खिले' और 'मेरे सनम' 1965 में रिलीज हुई थीं। फिल्म की शूटिंग के दौरान, शशि अक्सर अपने सह-कलाकार शम्मी से कहते थे, 'कुछ करो, मुझे आशा को गले लगाना है।' इस पर शम्मी ने मजाक में कहा कि वह बुर्का पहनकर और महिला का भेष बनाकर आशा से मिल सकते हैं।
बुर्का पहनकर आशा से मिलने की कोशिश
कहा जाता है कि शशि के साथ एक और व्यक्ति भी बुर्का पहनकर तैयार हुआ था। इसके बाद, वे दोनों शम्मी के साथ आशा पारेख के कमरे में गए। आशा ने उन्हें बैठने के लिए कहा, लेकिन जब फोन आया तो वह दूसरे कमरे में चली गईं। शम्मी ने शशि से कहा, 'जैसे ही वह लौटेंगी, तुम गले लगाना।' जब आशा वापस आईं, तो उन्हें शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है। शशि को पकड़े जाने से पहले, उन्होंने बुर्का उतारते हुए कहा, 'ये तो मैं हूं।' इस पर आशा नाराज हो गईं और शशि से कहा, 'वेरी बैड, ऐसे नहीं करना चाहिए।'
