विनोद मेहरा: एक प्रतिभाशाली अभिनेता की कहानी और दो साल का बैन

विनोद मेहरा, एक प्रतिभाशाली अभिनेता, जिनकी कहानी रोमांस और विवादों से भरी हुई है। उन्होंने रेखा के साथ गुपचुप शादी की, लेकिन यह रिश्ता सफल नहीं हो सका। उनके करियर में कई सफल फिल्में थीं, लेकिन एक सिफारिश के चलते उन्हें दो साल का बैन झेलना पड़ा। जानें उनके जीवन की अनकही बातें और उनके प्रभावशाली अभिनय के बारे में।
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विनोद मेहरा: एक प्रतिभाशाली अभिनेता की कहानी और दो साल का बैन

विनोद मेहरा का करियर और विवाद

विनोद मेहरा: एक प्रतिभाशाली अभिनेता की कहानी और दो साल का बैन

विनोद मेहरा-रेखा

विनोद मेहरा एक समय के बेहद रोमांटिक और प्रतिभाशाली अभिनेता थे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। उनकी आकर्षक पर्सनालिटी और चेहरे में राजेश खन्ना से कम आकर्षण नहीं था। वह विनोद खन्ना की तरह हैंडसम थे और 1965 में फिल्मफेयर-यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स के टैलेंट कॉन्टेस्ट में राजेश खन्ना के बाद दूसरे स्थान पर आए। उस समय अमिताभ बच्चन की फिल्में नहीं आई थीं। राजेश खन्ना की तरह, विनोद मेहरा को भी इंडस्ट्री में पहचान मिली और वह स्टार बन गए।

विनोद मेहरा की पहली फिल्म 1971 में आई, जिसका नाम था 'एक थी रीता', जिसमें तनुजा मुख्य भूमिका में थीं। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और इसके बाद विनोद मेहरा की मांग बढ़ गई। वह उस समय की कई नई अभिनेत्रियों के लिए पहली पसंद बन गए। रेखा भी उनकी दीवानी थीं, और उन्होंने एक बार कहा था कि रेखा उन पर जान लुटाती थीं। दोनों ने कोलकाता में गुपचुप शादी की, लेकिन घरेलू समस्याओं के कारण यह रिश्ता सफल नहीं हो सका, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा।

विनोद मेहरा का व्यक्तित्व

दुर्भाग्य से, विनोद मेहरा को लंबी उम्र नहीं मिली। वह दस साल की उम्र से ही फिल्मों में काम कर रहे थे और उनके बारे में कहा जाता था कि वे बड़े ही मस्तमौला थे। रेखा के साथ उनके रिश्ते और बदनामी के अलावा, उनके उतावलेपन ने भी उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया। उनके प्रेम संबंधों की कहानियाँ मशहूर थीं, लेकिन एक मीडिया समूह ने उनके खिलाफ एक्शन लिया, जो कम ही लोगों को पता था।

फिल्मफेयर-यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स में चुने जाने के बाद, विनोद मेहरा का टाइम्स ऑफ इंडिया के दफ्तर में आना-जाना लगा रहता था। वहां उनकी तस्वीरें और खबरें अक्सर प्रकाशित होती थीं। राम हिंगोरानी, जो टाइम्स के सहायक प्रबंधक थे, ने बताया कि विनोद मेहरा ने एक बार टाइम्स के मालिक से सिफारिश करवाई थी, जिससे अरविंद कुमार नाराज हो गए।

सिफारिश का नतीजा

अरविंद कुमार ने विनोद मेहरा को चेतावनी दी कि उनकी सिफारिश के कारण अगले दो साल तक उनकी कोई खबर या तस्वीर माधुरी में नहीं छपेगी। विनोद ने बहुत कोशिश की, लेकिन उनका कोई भी सामग्री अगले दो साल तक प्रकाशित नहीं हुआ।

बैन खत्म होने पर कवर स्टोरी

हालांकि, विनोद मेहरा के टाइम्स प्रबंधन के सदस्यों से अच्छे संबंध थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। जब बैन खत्म हुआ, तो माधुरी में उनकी कवर स्टोरी प्रकाशित हुई। 30 अक्टूबर 1990 को, महज 45 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उन्होंने 'अमर प्रेम', 'अनुराग', 'लाल पत्थर' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा था।

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