विद्या बालन की संघर्ष कहानी: छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर

विद्या बालन, बॉलीवुड की एक प्रमुख अदाकारा, ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने कई सफल फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनके लिए यह सफर आसान नहीं था। जानें कैसे उन्होंने अपने कठिन समय में भगवान से प्रार्थना की और अंततः बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई।
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विद्या बालन की संघर्ष कहानी: छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर

विद्या बालन का संघर्ष

विद्या बालन की संघर्ष कहानी: छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर

विद्या बालन

विद्या बालन का संघर्ष: बॉलीवुड की प्रसिद्ध अदाकारा विद्या बालन ने अपने अभिनय कौशल से फिल्म इंडस्ट्री में एक खास पहचान बनाई है। उनके अभिनय ने दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है। हालांकि, बहुत से लोग नहीं जानते कि विद्या ने अपने करियर की शुरुआत बड़े पर्दे से नहीं, बल्कि छोटे पर्दे से की थी।

जब विद्या अपनी पढ़ाई कर रही थीं, तब उन्हें 1995 में प्रसारित होने वाले शो ‘हम पांच’ का प्रस्ताव मिला। उनकी मां इस पेशे के खिलाफ थीं, लेकिन चूंकि यह उनका पसंदीदा शो था, उन्होंने हां कर दी। विद्या ने इस शो में डेढ़ साल काम किया, फिर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे छोड़ दिया। इसके बाद उन्हें मलयालम फिल्म का प्रस्ताव मिला, और उन्हें दक्षिण भारतीय सिनेमा की कई फिल्मों के लिए साइन किया गया। लेकिन किसी कारणवश ये सभी फिल्में उनके हाथ से निकल गईं, जिससे वह भगवान के सामने फूट-फूट कर रोने लगीं।

मोहनलाल के साथ डेब्यू का मौका

छोटे पर्दे से ब्रेक लेने के बाद, विद्या एक विज्ञापन शूट के लिए केरल गईं, जहां उन्हें मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल के साथ फिल्म ‘चक्रअब’ का प्रस्ताव मिला। लेकिन यह फिल्म कभी बन नहीं पाई। इस फिल्म के ऐलान के साथ ही उन्हें दक्षिण में 12 फिल्मों के लिए साइन किया गया था, लेकिन एक के बाद एक ये सभी फिल्में उनसे छिन गईं, जिससे उन्हें गहरा सदमा लगा।

भगवान से गुहार

एक साथ इतनी फिल्मों के चले जाने से विद्या का मनोबल टूट गया। उस कठिन समय में, वह अपने घर के पास के मंदिर में जाकर भगवान के सामने रोती थीं और काम मिलने की प्रार्थना करती थीं। उन्हें विश्वास था कि एक दिन उन्हें काम मिलेगा, और इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा।

बॉलीवुड में सफल करियर

विद्या बालन ने 2005 में फिल्म ‘परिणीता’ से बॉलीवुड में कदम रखा, जिसमें उन्होंने संजय दत्त और सैफ अली खान के साथ काम किया। अपने 20 साल के करियर में, उन्होंने ‘मिशन मंगल’, ‘तुम्हारी सुलु’, ‘कहानी’, ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘नो वन किल्ड जेसिका’, ‘इश्किया’, ‘पा’, ‘भूल भुलैया’, ‘हे बेबी’, और ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ जैसी कई सफल फिल्में दी हैं.