रावण को श्राप देने वाली कहानी: माता सीता को छूने का साहस क्यों नहीं हुआ?
रावण की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जब उसे एक श्राप मिला था, जिसके कारण वह माता सीता को छूने का साहस नहीं कर पाया। यह श्राप कुबेर के बेटे नलकुबेर ने दिया था, जब रावण ने रंभा के साथ अनुचित व्यवहार किया। जानें इस श्राप की पूरी कहानी और रावण के जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में।
| Nov 23, 2025, 14:14 IST
रावण की कथा
रावण की कहानी
रावण को श्राप किसने दिया था: लंका का राजा रावण एक महान योद्धा था और त्रिलोक का विजेता माना जाता था। उसे ब्रह्मा और भगवान शिव से कई वरदान प्राप्त हुए थे, और वह सभी वेदों का ज्ञाता था। लेकिन, उसे एक श्राप भी मिला था, जिसने उसकी मृत्यु का कारण बना। यह श्राप ही था, जिसके चलते रावण माता सीता को छूने का साहस नहीं कर पाया। आइए जानते हैं कि यह श्राप किसने दिया और इसके पीछे की कहानी क्या है।
वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड के अध्याय 26 और श्लोक 39 के अनुसार, एक बार रावण अपने सौतेले भाई कुबेर से मिलने गया था। कुबेर का शहर अलाका स्वर्ग में था, जहां रावण को अप्सरा रंभा मिली। रंभा की सुंदरता ने रावण को आकर्षित किया, और उसने उसके साथ अनुचित व्यवहार करना शुरू कर दिया। रंभा ने इसका विरोध किया।
कुबेर के बेटे का श्राप
रंभा ने रावण को बताया कि वह कुबेर के बेटे नलकुबेर की होने वाली पत्नी है। उसने रावण से कहा कि वह रिश्ते में उसकी पुत्रवधु लगती है, लेकिन रावण ने फिर भी उसके साथ गलत व्यवहार किया। जब नलकुबेर को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने रावण को श्राप दे दिया।
रावण ने माता सीता को छुआ नहीं था
नलकुबेर ने रावण को चेतावनी दी कि यदि वह किसी भी स्त्री को उसकी अनुमति के बिना छूता है, तो उसके सिर के 100 टुकड़े हो जाएंगे। इसके बाद से रावण ने कभी भी किसी स्त्री को उसकी मर्जी के बिना छूने की कोशिश नहीं की। हालांकि, रावण ने माता सीता का हरण किया, लेकिन उन्होंने कभी भी उन्हें छुआ नहीं।
