रावण के श्राप: वो 6 श्राप जो बने उसकी हार का कारण

रावण, जो रामायण का एक प्रमुख खलनायक है, को कई श्राप मिले थे जो उसकी हार का कारण बने। इनमें राजा अनरण्य, नंदी, और शूर्पणखा जैसे पात्र शामिल हैं। जानें कैसे इन श्रापों ने रावण के विनाश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि किसने और क्यों रावण को श्राप दिया।
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रावण के श्राप: वो 6 श्राप जो बने उसकी हार का कारण

रावण को मिले श्राप

रावण के श्राप: वो 6 श्राप जो बने उसकी हार का कारण

रावण को मिले श्राप

रावण को मिले श्राप: रामायण के प्रमुख पात्र रावण को एक खलनायक के रूप में देखा जाता है। दशानन रावण भगवान शिव का अनन्य भक्त था और एक महान विद्वान भी माना जाता था। उसे चार वेदों और छह धर्म शास्त्रों का ज्ञान था। फिर भी, उसके पाप कर्मों के कारण प्रभु श्रीराम ने उसका वध किया। जिस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, वह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। तब से हर साल इस दिन दशहरे का पर्व मनाया जाता है, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है। 2 अक्टूबर 2025 को दशहरा पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर हम आपको बताते हैं रावण को मिले वो श्राप जो उसके विनाश का कारण बने।

रावण को कौन-कौन से श्राप मिले थे?

रावण को अपने जीवन में कई श्राप मिले, लेकिन मुख्य रूप से उसे छह श्राप मिले थे, जिनके कारण उसका अंत हुआ। इनमें राजा अनरण्य, शिव के वाहन नंदी, मंदोदरी की बहन माया, एक अज्ञात स्त्री, नलकुबेर और बहन शूर्पणखा के श्राप शामिल हैं।

1. राजा अनरण्य का श्राप

राजा अनरण्य ने रावण को श्राप दिया था कि उसके वंश में कोई ऐसा व्यक्ति जन्म लेगा जो रावण का वध करेगा। अनरण्य, भगवान राम के इक्ष्वाकु वंश से थे और उनका रावण से भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई थी। राजा अनरण्य ने अपने अंतिम समय में रावण को यह श्राप दिया।

2. माया का श्राप

रावण ने अपनी पत्नी मंदोदरी की बहन माया के पति की मृत्यु के बाद उसे अपने साथ चलने को कहा। तब माया ने उसे श्राप देते हुए कहा कि तुमने मेरी कामवासना के लिए मेरा सतित्व भंग करने का प्रयास किया, इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई। अब स्त्री की वासना ही तुम्हारी मौत का कारण बनेगा।

3. नंदी का श्राप

नंदी ने रावण को श्राप दिया था कि वानर ही उसका सर्वनाश करेंगे, क्योंकि रावण ने कैलाश पर्वत पर भगवान शिव से मिलने के बाद नंदी के रूप का मजाक उड़ाया था। नंदी के इस श्राप के कारण ही हनुमान जी ने रावण की सोने की लंका को जलाकर भस्म किया और वानर सेना रावण के अंत का कारण बनी।

4. एक स्त्री का श्राप

रावण ने एक बार अपने पुष्पक विमान से यात्रा करते हुए एक सुंदर स्त्री का अपमान किया था, जिससे उसे श्राप मिला कि एक स्त्री के कारण ही उसकी मृत्यु होगी।

5. नल कुबेर का श्राप

रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के पुत्र नल कुबेर की पत्नी रंभा का अपहरण करने की कोशिश की, जिससे नल कुबेर ने उसे श्राप दिया कि अगर उसने किसी भी स्त्री के साथ जोर-जबरदस्ती की या उस स्त्री की इच्छा के विरुद्ध छुआ तो उसका सिर सात टुकड़ों में बंट जाएगा।

6. शूर्पणखा का श्राप

शूर्पणखा ने रावण को यह श्राप दिया था कि मेरे ही कारण तुम्हारा सर्वनाश होगा। यह श्राप रावण की बहन शूर्पणखा को उसके पति विद्युत्जिह्व की हत्या के बाद मिला था। इस श्राप के चलते ही शूर्पणखा ने राम और लक्ष्मण से बैर लिया और सीता के हरण के लिए रावण को उकसाया, जिसके परिणामस्वरूप रावण का अंत हुआ।