युवा उद्यमी मनीष बड़ोदिया ने हेलिकॉप्टर से दुल्हन को लाकर दहेज प्रथा को किया समाप्त

जयपुर के युवा उद्यमी मनीष बड़ोदिया ने अपनी शादी को एक अनोखा रूप दिया है। उन्होंने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देते हुए केवल एक रुपया और नारियल लेकर विवाह किया। हेलिकॉप्टर से दुल्हन को लाने का यह अनोखा तरीका पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है। जानें इस शादी की खास बातें और कैसे यह समाज में बदलाव का प्रतीक बन रही है।
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युवा उद्यमी मनीष बड़ोदिया ने हेलिकॉप्टर से दुल्हन को लाकर दहेज प्रथा को किया समाप्त

मनीष बड़ोदिया की अनोखी शादी

जयपुर। राजधानी जयपुर के प्रतिष्ठित उद्यमी और अ. भा. बैरवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदयाल बड़ोदिया के बेटे मनीष बड़ोदिया ने अपनी शादी को एक यादगार अवसर बनाने के साथ-साथ समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। मनीष ने शुक्रवार को हेलिकॉप्टर से अपनी होने वाली पत्नी मोनिका को लेने आकोदा गांव पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस अनोखी शादी में दहेज का कोई लेन-देन नहीं हुआ, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।


हेलिकॉप्टर का आकर्षण:


शादी की सभी रस्में आकोदा गांव में हुईं, जहां हेलिकॉप्टर की आवाज ने पूरे गांव को गूंजित कर दिया। हेलिकॉप्टर देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। मनीष, जो जयपुर में एक प्रतिष्ठित विवाह संस्थान में कार्यरत हैं, ने दहेज न लेकर एक अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि आज के समय में यह आवश्यक है कि शादी का आधार प्यार और सम्मान हो। मनीष ने दहेज के रूप में केवल एक रुपया और एक नारियल स्वीकार किया, जो उनकी सादगी को दर्शाता है।



दहेज में एक रुपया और नारियल:


मनीष ने दहेज में केवल एक रुपया और नारियल लेकर विवाह किया। दुल्हन मोनिका, जो एक फार्मासिस्ट हैं, के पिता पूरण देवतवाल, जो हिंदुस्तान साभंर साल्ट में ड्राइवर हैं, ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, "मनीष के इस कदम से हमें गर्व महसूस हो रहा है। हमारी शादी न केवल हमारा बंधन है, बल्कि समाज के लिए एक उदाहरण भी।" शादी के दौरान बारात में पारंपरिक राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत की धूम रही, लेकिन हेलिकॉप्टर का आगमन सबसे बड़ा आकर्षण बना। ग्रामीणों ने इस दृश्य को मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।


स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने भी इस शादी की प्रशंसा की है। पूर्व जयपुर नगर निगम चैयरमेन रामनिवास जोनवाल ने कहा, "ऐसी पहलें दहेज जैसी कुरीतियों को समाप्त करने में मदद करेंगी।" यह शादी न केवल दोनों परिवारों की प्रगतिशील सोच को दर्शाती है, बल्कि राजस्थान जैसे राज्य में बदलते सामाजिक मूल्यों की भी झलक देती है, जहां पहले दहेज की मांग आम थी। मनीष और मोनिका की यह जोड़ी युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी, जो दिखाती है कि शादी में दिखावा नहीं, बल्कि सच्चा प्यार ही महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि मनीष के पिता रामदयाल बड़ोदिया सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और अब तक हजारों सर्वजातीय जोड़ों का नि:शुल्क विवाह करवा चुके हैं। हाल ही में बड़ोदिया को राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित विभाग में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है।