मिर्गी के लिए 20 प्रभावी घरेलू उपाय
मिर्गी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसके लिए कई प्रभावी घरेलू उपाय उपलब्ध हैं। इस लेख में हम 20 ऐसे उपायों के बारे में चर्चा करेंगे, जो मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। पेठा, तुलसी, और अंगूर जैसे प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके आप अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं। जानें कैसे ये उपाय आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं और किस प्रकार से इन्हें अपनाना चाहिए।
Sep 12, 2025, 12:35 IST
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मिर्गी के लिए रामबाण उपाय

मिर्गी के 20 प्रभावी उपाय:
- पेठा मिर्गी के लिए एक उत्कृष्ट घरेलू उपचार है। इसके पोषक तत्व मस्तिष्क के रसायनों को संतुलित करते हैं, जिससे मिर्गी की गंभीरता कम होती है। पेठे का जूस नियमित रूप से पीने से अधिक लाभ मिलता है। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शक्कर और मुलहटी का पाउडर मिलाया जा सकता है।
- 100 मिली दूध में समान मात्रा में पानी मिलाकर उबालें और उसमें 4 कली लहसुन बारीक काटकर डालें। इस मिश्रण का सेवन रात में सोते समय करें। कुछ दिनों में लाभ दिखाई देने लगेगा।
- गाय के दूध से बना मक्खन मिर्गी में लाभकारी होता है। इसे प्रतिदिन 10 ग्राम खाना चाहिए।
- होम्योपैथी की दवाएं मिर्गी में सहायक सिद्ध हुई हैं। कुछ प्रभावी दवाएं हैं:
- क्युप्रम, आर्टीमेसिया, साईलीशिया, एब्सिन्थियम, हायोसायमस, एगेरिकस, स्ट्रामोनियम, कास्टिकम, साईक्युटा विरोसा, ईथुजा। इन दवाओं का लक्षणों के अनुसार उपयोग करने से मिर्गी से राहत मिल सकती है।
- तुलसी की पत्तियों के साथ कपूर सुंघाने से मिर्गी के रोगी को होश आ जाता है।
- राई को पीसकर चूर्ण बना लें। जब रोगी को दौरा पड़े, तो इसे सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
- मिर्गी के रोगी के लिए शहतूत का रस फायदेमंद होता है। सेब का जूस भी लाभ पहुंचाता है।
- मिर्गी के रोगी के पैरों के तलवों में आक के 8-10 बूंदें रोजाना शाम को मलें। ऐसा 2 महीने तक करें। इससे काफी लाभ मिलेगा।
- तुलसी के पत्तों को पीसकर शरीर पर मलने से मिर्गी के रोगी को लाभ होता है।
- तुलसी के पत्तों के रस में थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर 1-1 बूंद नाक में डालने से मिर्गी के रोगी को लाभ होता है।
- मिर्गी के रोगी को थोड़ी हींग को नींबू के साथ चूसने से लाभ होता है।
- बादाम, बड़ी इलायची, अमरूद और अनार के 17 पत्तों को कूटकर दो गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो नमक मिलाकर पिलाएं। इस तरह दिन में दो बार पिलाने से कुछ ही दिनों में मिर्गी रोग समाप्त हो जाता है।
- अंगूर का रस मिर्गी के रोगी के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। आधा किलो अंगूर का रस सुबह खाली पेट लेना चाहिए। यह उपचार लगभग 6 महीने करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
- एप्सम साल्ट (मेग्नेशियम सल्फेट) मिश्रित पानी से मिर्गी रोगी स्नान करें। इससे दौरे कम होते हैं और दौरे भी कम गंभीर होते हैं।
- मिट्टी को पानी में गीला करके रोगी के पूरे शरीर पर लगाना बहुत लाभकारी होता है। एक घंटे बाद स्नान करें। इससे दौरे कम होंगे और रोगी स्वस्थ महसूस करेगा।
- विटामिन B6 (पायरीडॉक्सीन) का सेवन मिर्गी में फायदेमंद होता है। यह गाजर, मूंगफली, चावल, हरी पत्तेदार सब्जियों और दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। 150-200 मिलीग्राम विटामिन B6 लेना अत्यंत लाभकारी है।
- मानसिक तनाव और शारीरिक अधिक श्रम मिर्गी के रोगी के लिए हानिकारक होते हैं। इनसे बचना आवश्यक है।
- मिर्गी रोगी को 250 ग्राम बकरी के दूध में 50 ग्राम मेंहदी के पत्तों का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह दो सप्ताह तक पीने से दौरे बंद हो जाते हैं। इसे अवश्य आजमाएं।
- रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग की गंभीरता में कमी देखी जाती है।