महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण: जानें कैसे पहचानें

महिलाओं में डिप्रेशन की बढ़ती समस्या
महिलाओं के लिए 2025 का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, खासकर जब बात मानसिक स्वास्थ्य की आती है। आजकल की अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खानपान के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। तनाव और डिप्रेशन के कई कारण होते हैं, और यह देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक प्रभावित होती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डिप्रेशन किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसकी संभावना अधिक होती है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जो किसी तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं या जिन्होंने किसी प्रकार का दुर्व्यवहार या गंभीर नुकसान झेला है।
डिप्रेशन के लक्षण
कई बार लोग डिप्रेशन के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं डिप्रेशन के कुछ प्रमुख लक्षण:
उदासी: यदि कोई व्यक्ति लगातार उदास रहता है, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। ऐसे में उस व्यक्ति से बात करना आवश्यक है।
मूड में बदलाव: अगर किसी का मूड अचानक बदलता है, जैसे बहुत गुस्सा आना या चुप रहना, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
चिड़चिड़ापन: अचानक चिड़चिड़ापन भी डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति एक या दो हफ्ते तक चिड़चिड़ा रहता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
खालीपन: हमेशा खालीपन महसूस करना और किसी से बात करने का मन न करना भी डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।
नींद में परेशानी: डिप्रेशन के दौरान नींद की समस्या होना आम है, जैसे बहुत नींद आना या बिल्कुल भी नींद न आना।
भूख में बदलाव: भूख में अत्यधिक वृद्धि या कमी भी डिप्रेशन का संकेत हो सकती है।
काम में मन न लगना: डिप्रेशन के दौरान किसी भी काम में मन नहीं लगता है।
कंसंट्रेशन में कमी: किसी काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना भी डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है।
आत्महत्या के विचार: यदि किसी को आत्महत्या के विचार आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।