मनोज श्यामलन की फिल्म 'साइन्स' ने पूरे किए 23 साल

मनोज श्यामलन की फिल्म 'साइन्स' ने 23 साल पूरे कर लिए हैं। इस फिल्म में मेल गिब्सन ने एक विधुर की भूमिका निभाई है, जो अपने परिवार को एक विदेशी आक्रमण से बचाने की कोशिश कर रहा है। श्यामलन ने बच्चों के अभिनय को बखूबी निर्देशित किया है, और फिल्म का माहौल दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है। जानें इस फिल्म की कहानी और इसके प्रभाव के बारे में।
 | 
मनोज श्यामलन की फिल्म 'साइन्स' ने पूरे किए 23 साल

मनोज श्यामलन की अनोखी कहानी

मनोज श्यामलन, जिन्हें हम अपने में से एक मानते हैं, ने तीसरी बार एक अद्भुत दुनिया का सामना किया है। उनकी फिल्म 'साइन्स' ने दर्शकों को एक नई अनुभव की ओर ले जाने का प्रयास किया है।


श्यामलन ने अपने करियर की शुरुआत 'द सिक्स्थ सेंस' से की, जो एक बच्चे की कहानी थी जो मृतकों को देख सकता था। इसके बाद आई 'अनब्रेकबल', जो एक गहरी और विचारशील फिल्म थी, जिसमें एक ट्रेन दुर्घटना के एकमात्र बचे व्यक्ति की कहानी थी।


'साइन्स' में ब्रूस विलिस का कोई किरदार नहीं है, जो एक चिंता का विषय है। इसका मतलब है कि हॉलीवुड के बड़े सितारे श्यामलन के साथ काम करना चाहते हैं। इस बार मेल गिब्सन ने मुख्य भूमिका निभाई है।


गिब्सन ने एक विधुर की भूमिका निभाई है, जो अपने परिवार को एक विदेशी आक्रमण से बचाने की कोशिश कर रहा है। उनकी आंखों में गहराई और सवालों का समंदर है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है।


श्यामलन ने बच्चों के अभिनय को भी बखूबी निर्देशित किया है। फिल्म में छोटे रॉरी कुल्किन और एबिगेल ब्रेसलिन ने अपने सवालों से दर्शकों के दिलों को छू लिया है।


फिल्म के कुछ सबसे दिल को छू लेने वाले क्षणों में बच्चों की मासूमियत और परिवार की सामान्य जिंदगी को अद्भुत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।


हालांकि, फिल्म का एक कमजोर हिस्सा वह है जब हम एक विदेशी प्राणी को स्क्रीन पर देखते हैं। इससे पहले, श्यामलन ने दर्शकों के मन में आतंक का माहौल बनाया था।


फिल्म का सबसे बड़ा सफलतापूर्वक यह है कि यह पारंपरिक सिनेमा के उपकरणों का उपयोग किए बिना एक डरावनी वातावरण बनाती है।


मनोज श्यामलन की 'साइन्स' ने हमें एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर किया है कि अज्ञात क्या हो सकता है।