भारतीय टीम की एशिया कप 2025 जीत के बाद का विवाद

भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2025 का खिताब जीता, लेकिन ट्रॉफी वितरण के दौरान विवाद ने माहौल को गरमा दिया। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने दावा किया कि उन्होंने मोहसिन नकवी को ट्रॉफी लेकर भागते हुए देखा। इस घटना के बाद भारतीय टीम ने बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और सूर्या का बयान।
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भारतीय टीम की एशिया कप 2025 जीत के बाद का विवाद

भारतीय टीम की स्वदेश वापसी और विवाद

एशिया कप 2025 का खिताब जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम अपने देश लौट आई है। इस टूर्नामेंट के दौरान कई विवाद उत्पन्न हुए हैं, और अब भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने यह दावा किया है कि उन्होंने मोहसिन नकवी को ट्रॉफी लेकर भागते हुए देखा। 


भारत-पाकिस्तान का रोमांचक फाइनल

28 सितंबर 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का एक बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबला हुआ। अंतिम ओवर तक यह स्पष्ट नहीं था कि कौन सी टीम विजेता बनेगी। लेकिन भारतीय टीम ने दबाव में बिखरने के बजाय, तिलक वर्मा की 69 रन की नाबाद पारी के साथ 9वीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। 


ट्रॉफी वितरण में विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले यह तय हुआ था कि एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष खालिद अल जरूनी भारतीय खिलाड़ियों को पुरस्कार देंगे। लेकिन जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मेडल और कप्तान सलमान आगा को उपविजेता का चक मिला, तो कमेंटेटर साइमन डूल ने घोषणा की कि भारत अपनी ट्रॉफी नहीं लेगा। इस बीच, मोहसिन नकवी भी स्टेडियम छोड़कर चले गए। विवादास्पद परिस्थितियों में भारतीय टीम ने बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया। 


सूर्यकुमार यादव का बयान

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए सूर्यकुमार ने मैच के बाद के घटनाक्रम पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने किसी को भी पुरस्कार वितरण के लिए इंतजार नहीं करवाया। सूर्या ने कहा, 'हम दरवाजा बंद करके ड्रेसिंग रूम में नहीं बैठे थे। हमने किसी को भी पुरस्कार वितरण के लिए इंतजार नहीं करवाया। मैंने देखा कि वो ट्रॉफी लेकर भाग गए।' 


बीसीसीआई की भूमिका पर सवाल

सूर्यकुमार ने नकवी को नजरअंदाज करने के निर्णय में बीसीसीआई की संलिप्तता से भी इनकार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान सरकार या बीसीसीआई ने उन्हें नहीं बताया कि अगर कोई ट्रॉफी देता है तो वे उसे नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, 'हमने खुद ही मैदान पर यह निर्णय लिया। एसीसी अधिकारी मंच पर थे और हम नीचे खड़े थे। मैंने उन्हें मंच पर बात करते हुए देखा।'