भारत में 'मेक इन इंडिया' के 10 साल: ऑटोमोबाइल उद्योग को नई दिशा

भारत में 'मेक इन इंडिया' का जश्न
नई दिल्ली, 13 सितंबर: भारत ने 'मेक इन इंडिया' के 10 साल पूरे कर लिए हैं, और इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने कहा कि यह समय है कि हम अपने लक्ष्यों को ऊँचा रखें, आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करें, और ऑटोमोबाइल उद्योग में नौकरियों, निर्यात और उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दें।
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में घोषित जीएसटी सुधारों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करना एक ऐतिहासिक सुधार है और यह ऑटो उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है।
ट्रैक्टरों के लिए जीएसटी को 5 प्रतिशत तक घटाया गया है, जो कृषि क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि यह सुधार प्रधानमंत्री के लिए एक खड़े होकर तालियां बजाने योग्य है, क्योंकि इससे स्पेयर पार्ट्स की कीमतें कम होंगी, औपचारिकता को मजबूत किया जाएगा, नौकरियों का सृजन होगा, और मूल्य श्रृंखला में मांग बढ़ेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि लाभों को उपभोक्ताओं तक पूरी तरह से पहुंचाना चाहिए।
गोयल ने कहा कि यह जीएसटी सुधार स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा सुधार है और हर भारतीय को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि 1.4 अरब की जनसंख्या में कोई भी नागरिक इन सुधारों से वंचित नहीं रहेगा।
उन्होंने दिवंगत रतन टाटा का उद्धरण देते हुए कहा: “लोगों द्वारा फेंके गए पत्थरों को उठाकर एक स्मारक बनाओ।”
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र और देश को चुनौतियों से निराश नहीं होना चाहिए, और आत्मविश्वास, लचीलापन और सामूहिक प्रयास के साथ, भारत और मजबूत होगा।
मंत्री ने COVID-19 महामारी के दौरान भारत की लचीलापन की भी प्रशंसा की, यह बताते हुए कि देश ने 100 से अधिक देशों को दवाएं और टीके प्रदान किए, कई मुफ्त में, और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि इससे भारत को विश्व का विश्वास मिला, और आज देश को एक विश्वसनीय और भरोसेमंद भागीदार के रूप में देखा जाता है।
यह बयान उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के 65वें वार्षिक सत्र में दिया।