बर्गर खाने के खतरनाक परिणाम: एक पिता की न्याय की मांग

बर्गर खाने के दुष्प्रभाव और खतरे
क्या आप बर्गर, सैंडविच या पिज्जा के शौकीन हैं? यदि हां, तो एक बार फिर से इस आदत पर विचार करें। यह शौक आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। हाल ही में ब्रिटेन में एक 18 वर्षीय युवक की बर्गर खाने के बाद मृत्यु हो गई। उसके पिता ने जब इस मामले की जांच की, तो असली कारण जानकर वह चौंक गए। अब उन्होंने बर्गर बनाने वाले रेस्टोरेंट के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए अदालत में मामला दायर किया है।
बर्गर खाने के कुछ दिन बाद हुई मौत
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना ब्रिटेन के ईस्ट ससेक्स काउंटी में हुई। वहां के निवासी 18 वर्षीय ओवेन कैरी ने अपने जन्मदिन के मौके पर बायरन बर्गर्स रेस्टोरेंट में बर्गर का आनंद लिया। उसने एक साधारण चिकन बर्गर का ऑर्डर दिया। बर्गर खाने के बाद ओवेन घर लौटा, लेकिन उसकी तबियत बिगड़ गई। उल्टी और दस्त के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी स्थिति और गंभीर हो गई। कुछ दिनों बाद, उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे उसके माता-पिता को गहरा सदमा लगा।
जांच में सामने आई चौंकाने वाली वजह
ओवेन के माता-पिता को यह समझ नहीं आ रहा था कि बर्गर खाने से उनके बेटे की मौत कैसे हुई। ओवेन के 66 वर्षीय पिता, पॉल ने खुद इस मामले की जांच शुरू की। उन्होंने फिर से उसी रेस्टोरेंट में जाकर वही साधारण चिकन बर्गर मंगवाया। उन्हें पता चला कि बर्गर को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसे छाछ में भिगोकर ओवन में गर्म किया जा रहा था, जिससे उसमें रासायनिक प्रतिक्रिया उत्पन्न हो रही थी। चूंकि उनके बेटे को इस प्रकार की प्रतिक्रिया से एलर्जी थी, इसलिए बर्गर खाने के बाद उसकी तबियत बिगड़ गई और वह कोमा में चला गया।
रेस्टोरेंट की लापरवाही का आरोप
पॉल का कहना है कि उनके बेटे की मौत रेस्टोरेंट के मालिकों की लापरवाही के कारण हुई है। यदि वे अपने मेन्यू और बर्गर की सामग्री की जानकारी पहले से प्रिंट कर देते, तो शायद उनका बेटा एलर्जिक होने के कारण उसे नहीं खाता और उसकी जान बच जाती। पॉल का आरोप है कि रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने उनके बेटे को गुमराह किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हुई।
ब्रिटिश संसद में न्याय की मांग
पॉल अब अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए एक ऑनलाइन अभियान चला रहे हैं, जिसमें अब तक 13,000 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने यह याचिका ब्रिटिश संसद को भी भेजी है, जिस पर मई में चर्चा होगी। पॉल की मांग है कि खाद्य सुरक्षा से जुड़े कानूनों को सख्त किया जाए और सभी रेस्टोरेंट और होटलों को खाद्य सामग्री की जानकारी प्रिंट करने का आदेश दिया जाए, ताकि किसी और की जान इस तरह न जाए।