बथुआ: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद पौष्टिक सब्जी

बथुआ, एक पौष्टिक सब्जी, कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह न केवल पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद करती है, बल्कि पथरी, जुओं, और बवासीर जैसी समस्याओं में भी राहत देती है। जानें इसके अन्य फायदों के बारे में और कैसे इसे अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
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बथुआ: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद पौष्टिक सब्जी

बथुआ के स्वास्थ्य लाभ



  • बथुआ का सेवन कई बीमारियों से बचाव में सहायक होता है। इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। आयुर्वेद के अनुसार, बथुआ की सब्जी खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक पौष्टिक आहार के रूप में लोकप्रिय है। बथुआ दिसंबर से मार्च तक आसानी से उपलब्ध होता है और इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन ए की प्रचुरता होती है।

  • बथुआ को एक खरपतवार माना जाता है, जो जौ और गेहूं के खेतों में स्वाभाविक रूप से उगता है। इसे साग के रूप में खाया जाता है और इसमें लोहा और क्षार होते हैं, जो शरीर को पथरी से बचाते हैं। इसकी सब्जी का सेवन जितना अधिक किया जाए, उतना ही लाभकारी होता है। बथुआ को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे क्षारपत्र और व्हाइट गूज फुट।

  • बथुआ दो प्रकार का होता है: एक जिसमें पत्ते लाल होते हैं और दूसरा जिसमें पत्ते चौड़े और बड़े होते हैं।


➡ बथुआ के सेवन के लाभ:



  1. यह पुरुषों की शक्ति को बढ़ाता है और भूख को बढ़ाता है।

  2. पथरी: बथुए के रस में शक्कर मिलाकर पीने से पथरी कुछ दिनों में गलकर बाहर निकल जाती है।

  3. जुएं: बथुआ जुओं को खत्म करने में मदद करता है। गर्म पानी में बथुए के पत्तों को उबालकर ठंडा करके सिर धोने से जुएं समाप्त हो जाती हैं।

  4. बवासीर: बथुए को उबालकर उसका पानी पीने से बवासीर में राहत मिलती है।

  5. दाद: दाद की समस्या में बथुए का रस पीना फायदेमंद होता है। इसके रस में तिल का तेल मिलाकर हल्की आंच पर गर्म करके दाद पर लगाने से लाभ होता है।

  6. दिल की बीमारी: बथुआ दिल के रोगों में लाभकारी होता है। लाल पत्तियों का रस निकालकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें।

  7. जलन: जलने पर बथुए के पत्तों का लेप जलन वाली जगह पर लगाने से राहत मिलती है।

  8. कब्ज: बथुए का रस पीने से कब्ज दूर होती है।

  9. लीवर: नियमित रूप से बथुए का साग खाने से लीवर मजबूत होता है।

  10. पेट के कीड़े: बथुए को पानी में उबालकर ठंडा करके पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।

  11. नकसीर: नाक से खून बहने पर बथुए के रस की चार बूंदें पीने से राहत मिलती है।


नोट: गर्भवती महिलाओं को बथुआ का सेवन नहीं करना चाहिए।