फिल्म 'ये कैसी मोहब्बत': एक साधारण अपराध नाटक की समीक्षा

फिल्म की शुरुआत और कहानी
निर्देशक डिंकर कपूर की फिल्म 'ये कैसी मोहब्बत' एक मुख्यधारा के मनोरंजन के रूप में सिनेमाई आवश्यकताओं को पूरा करने में असफल रहती है। यह एक अपराध नाटक और रहस्य फिल्म के रूप में, फिल्म के भीतर की ताकत को दर्शाने के लिए असंगत लाल हेरिंग्स का उपयोग करती है।
फिल्म की शुरुआत एक सस्ती जीवनशैली के चित्रण से होती है। पहले 20 मिनट के बाद, निर्देशक जॉनी लीवर को एक शराबी सरदारजी के रूप में पेश करते हैं, जो हमारे नायक विक्की (नवोदित कृष्णा) के साथ कुछ मजेदार क्षण साझा करते हैं।
किरदार और कहानी का विकास
लीवर और सहायक कलाकारों ने एक मृत कहानी में जान डालने की कोशिश की है। विक्की, जो एक महत्वाकांक्षी युवक है, एक अमीर महिला टीना (नवोदित दीक्षा) से मिलता है, जो उसे अपने व्यापारिक सपनों की ओर ले जाती है।
इसके बाद, विक्की को उसके मालिक की पत्नी के हत्या के आरोप में फंसाया जाता है। जॉनी लीवर की शराबी भूमिका और उनके संवाद दर्शकों को हंसाने में सफल होते हैं, जबकि मुकेश ऋषि की उपस्थिति फिल्म में जान डालती है।
निर्देशन और तकनीकी पहलू
निर्देशक कपूर ने स्टंट्स पर काफी मेहनत की है, लेकिन फिल्म में नायक की भूमिका निभा रहे नवोदित कलाकार की तुलना में यह सब कुछ अधूरा लगता है। फिल्म का सेट और गाने भव्य हैं, लेकिन कहानी में गहराई की कमी है।
फिल्म में बाहरी दृश्यों की अधिकता है, जो दर्शकों का ध्यान भटकाने का प्रयास करती है। डिंकर कपूर को गति के मामले में और सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि फिल्म में रोमांस और कॉमेडी के तत्वों ने सस्पेंस को कमजोर कर दिया है।
निष्कर्ष
फिल्म का अंत अप्रत्याशित है, लेकिन पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है। 'ये कैसी मोहब्बत' को अधिक सक्षम मुख्य कलाकारों के साथ बेहतर बनाया जा सकता था। सहायक कलाकारों की उपस्थिति मजबूत है, लेकिन मुख्य पात्रों की कमी इसे कमजोर बनाती है।