फिजिक्सवाला का IPO: बायजू के पतन के पीछे की कहानी
भारतीय एडटेक में बड़ा बदलाव
बायजू रवींद्रन और अलख पांडे
भारतीय एडटेक क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। एक ओर, बायजू, जो कभी भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप था, अब दिवालिया होने की कगार पर है। इसके संस्थापक ने खुद स्वीकार किया है कि कंपनी का मूल्य अब ‘शून्य’ हो चुका है। दूसरी ओर, फिजिक्सवाला, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करता है, आज, 11 नवंबर को ₹3,400 करोड़ का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लेकर आया है।
यह स्थिति पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम को सोचने पर मजबूर कर रही है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि बायजू, जो कुछ साल पहले तक एडटेक का ‘पोस्टर बॉय’ था, अब गिरावट का सामना कर रहा है, जबकि फिजिक्सवाला, जो एक छोटे से यूट्यूब चैनल से शुरू हुआ, अब शेयर बाजार में अपनी पहचान बना रहा है?
बायजू रवींद्रन की गलतियाँ
एक समय था जब बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी का नाम 21 से अधिक देशों में गूंजता था। खासकर कोविड-19 के दौरान, जब स्कूल-कॉलेज बंद थे, बायजू का कारोबार तेजी से बढ़ा। 2022 में, कंपनी का मूल्यांकन 22 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया था। इस सफलता के पीछे बड़े अधिग्रहण, आक्रामक मार्केटिंग और वैश्विक विस्तार में भारी निवेश था।
हालांकि, इस चमक-दमक के पीछे की सच्चाई कुछ और थी। जल्द ही, वित्तीय अनियमितताओं और कुप्रबंधन के आरोप सामने आने लगे। अगस्त 2023 में, अमेरिकी ऋणदाताओं ने कंपनी पर 1 बिलियन डॉलर के फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए भारतीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
इसके बाद, बड़े निवेशकों ने कंपनी के बोर्ड से किनारा करना शुरू कर दिया। कंपनी ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट समय पर नहीं दी और विवादों में फंस गई। पिछले साल, बायजू रवींद्रन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, “कंपनी का मूल्य अब शून्य है।” उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने विकास की संभावनाओं का गलत आकलन किया और तेजी से कई बाजारों में प्रवेश करना एक बड़ी गलती थी।
अलख पांडे का सफर
जब बायजू अपने शिखर पर था, तब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अलख पांडे नामक एक युवा शिक्षक अपने छोटे से कोचिंग सेंटर और यूट्यूब चैनल के माध्यम से छात्रों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा था। अलख का सफर संघर्षों से भरा रहा। पढ़ाई में होशियार होने के बावजूद, वे IIT-JEE की परीक्षा में सफल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने इसे अपनी ताकत बना लिया।
2015 में, उन्होंने ‘फिजिक्स वाला’ नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया। शुरुआत में उनके चैनल पर केवल 3,897 सब्सक्राइबर्स थे। 2018 में, उन्हें यूट्यूब से 8000 रुपये का पहला भुगतान मिला, जिसने उनके हौसले को बढ़ाया। अलख की पढ़ाने की सरल शैली और छात्रों से सीधा जुड़ाव ने उन्हें सफलता दिलाई। 2019 तक उनके चैनल के सब्सक्राइबर्स 20 लाख के पार पहुँच गए।
18 मई 2019 को, उन्होंने ‘फिजिक्स वाला’ ऐप लॉन्च किया और 2022 में उन्हें 100 मिलियन डॉलर का बड़ा निवेश मिला। आज, अलख पांडे की कुल संपत्ति लगभग 4500 करोड़ रुपये है और उनके 50 से अधिक यूट्यूब चैनलों को करोड़ों छात्र देखते हैं। यह वही कंपनी है जो अब अपना IPO ला रही है।
अलख पांडे और बायजू की सोच में अंतर
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अलख पांडे ने ऐसा क्या किया जो बायजू नहीं कर पाया? दोनों ने ऑनलाइन शिक्षा में नाम कमाया, लेकिन उनके दृष्टिकोण और नीयत में बड़ा अंतर था। अलख ने “भरोसा” बेचा, जबकि बायजू ने “सपने” बेचे। अलख एक शिक्षक के रूप में आए, जबकि बायजू एक सेल्समैन के रूप में। अलख ने वर्षों तक यूट्यूब पर मुफ्त में पढ़ाया और छात्रों के साथ मजबूत संबंध बनाए। जब उन्होंने अपना ऐप लॉन्च किया, तब उनके पास पहले से ही एक वफादार समुदाय था।
इसके विपरीत, बायजू ने बड़े विज्ञापनों और महंगे कोर्स बेचने पर ध्यान केंद्रित किया। अलख ने छोटे शहरों के छात्रों की जरूरत को समझा और अपनी फीस इतनी कम रखी कि हर वर्ग का बच्चा उसे वहन कर सके। वहीं, बायजू ने शिक्षा को एक महंगा उत्पाद बना दिया।
इन दोनों की कारोबारी सोच में सबसे बड़ा अंतर यह था कि अलख ने पहले मुनाफा कमाया और फिर निवेश जुटाया, जबकि बायजू ने केवल वैल्यूएशन बढ़ाने के लिए निवेशकों के पैसे खर्च किए। जैसे ही निवेशकों ने हाथ खींचे, उनका पूरा मॉडल ढह गया।
