धुरंधर फिल्म का ट्रेलर: 65 साल पुरानी कव्वाली का जादू

रणवीर सिंह की फिल्म धुरंधर का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया है, जिसमें 65 साल पुरानी कव्वाली का जादू देखने को मिलता है। इस ट्रेलर में नुसरत फतेह अली खान की प्रसिद्ध कव्वाली 'ना तो कारवां की तलाश है' का जिक्र है, जो दर्शकों का ध्यान खींच रहा है। शाहरुख खान का भी इस गाने से खास कनेक्शन है। जानें इस गाने का इतिहास और फिल्म के बारे में और अधिक जानकारी।
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धुरंधर फिल्म का ट्रेलर: 65 साल पुरानी कव्वाली का जादू

धुरंधर फिल्म का ट्रेलर जारी

धुरंधर फिल्म का ट्रेलर: 65 साल पुरानी कव्वाली का जादू

धुरंधर के ट्रेलर से सीन, शाहरुख खान


धुरंधर फिल्म का ट्रेलर गाना: रणवीर सिंह की आगामी फिल्म धुरंधर का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है। इस फिल्म का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और इसे 2025 की सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्म माना जा रहा है। यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और इसके ट्रेलर को शानदार प्रतिक्रिया मिली है। ट्रेलर में कई ऐसे तत्व हैं जिन्होंने दर्शकों का ध्यान खींचा है, लेकिन ट्रेलर के अंत में एक गाना भी है जो चर्चा का विषय बन गया है। ट्रेलर के अंत में प्रसिद्ध हिंदी कव्वाली 'ना तो कारवां की तलाश है' की दो पंक्तियाँ सुनाई देती हैं।


इन पंक्तियों के साथ ही धुरंधर ट्रेलर समाप्त होता है। 4 मिनट लंबे इस ट्रेलर में एक्शन के साथ-साथ इस गाने की भी काफी चर्चा हो रही है। लोग इस गाने पर बात कर रहे हैं और इसके मूल संस्करण को सुनकर अपनी प्रतिक्रियाएँ भी दे रहे हैं। आइए जानते हैं इस गाने का इतिहास क्या है।


नुसरत फतेह अली खान का विशेष संबंध


इस कव्वाली का मूल संस्करण पाकिस्तानी है। इसका असली नाम 'ना तो बुत कदे की तलब मुझे' है, जिसे दिग्गज कव्वाली गायक नुसरत फतेह अली खान के पिता उस्ताद फतेह अली खान ने उस्ताद मुबारक अली खान के साथ मिलकर गाया था। सूत्रों के अनुसार, फिल्म के मुख्य अभिनेता भारत भूषण के भाई और फिल्म के निर्माता आर चंद्रा ने संगीत निर्देशक खय्याम से संपर्क किया था कि वे इस पाकिस्तानी कव्वाली को नया रूप दें। हालांकि, खय्याम ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और फिल्म से अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद, यह जिम्मेदारी संगीत निर्देशक रोशन को सौंपी गई, जिन्होंने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।


बरसात की रात का 65 साल पुराना गाना


जो कव्वाली धुरंधर के ट्रेलर में सुनाई दे रही है, वह 1965 में आई फिल्म बरसात की रात में इस्तेमाल की गई थी। यह कव्वाली 13 मिनट लंबी है और आज भी बहुत लोकप्रिय है। इसके बोल प्रसिद्ध शायर साहिर लुधियानवी ने लिखे थे। इस गाने को लेजेंडरी सिंगर आशा भोसले ने मोहम्मद रफी और मन्ना डे के साथ मिलकर गाया था। इसमें भारत भूषण और मधुबाला को दिखाया गया था। आज भी इस कव्वाली की लोकप्रियता बहुत अधिक है और लोग इसे सुनना पसंद करते हैं। इसकी तेज़ धुन और आकर्षक बोल इसे खास बनाते हैं। इस फिल्म के सभी गाने भी बेहद अच्छे थे और आज भी हिट हैं।


शाहरुख खान का पसंदीदा गाना


बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान का भी धुरंधर फिल्म के ट्रेलर में सुनाई दिए इस गाने से खास संबंध है। एक बार जब शाहरुख खान से पूछा गया कि उनका पसंदीदा गाना कौन सा है, तो उन्होंने इसका नाम लिया और बताया कि 'ना तो कारवां की तलाश है' उनका सबसे प्रिय गाना है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह गाना ट्रेलर में ही है या फिर 65 साल बाद इसे फिर से बनाया गया है। फिलहाल, इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं आई है।