धर्मेंद्र: हिंदी सिनेमा के ही-मैन के यादगार डायलॉग्स
धर्मेंद्र का अद्वितीय योगदान
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र केवल एक कलाकार नहीं थे, बल्कि उनकी आवाज़ और संवाद अदायगी ने हिंदी सिनेमा को एक नई पहचान दी। 24 नवंबर 2025 को 89 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी यादें आज भी करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में जीवित हैं। उन्होंने अपने करियर में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और हर फिल्म में ऐसे संवाद दिए जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं।
यादगार संवाद
धर्मेंद्र के संवाद हर प्रकार की भावनाओं को बखूबी व्यक्त करते थे। हिंदी सिनेमा में उनके संवादों को सबसे यादगार माना जाता है। जैसे कि फिल्म 'शोले' में उनका प्रसिद्ध संवाद 'बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना' ने उन्हें एक बड़ी पहचान दिलाई।
प्रसिद्ध डायलॉग्स
उनका एक और मशहूर संवाद 'जब मैं मरेला, पुलिस आएगी… पुलिस आएगी… बुढ़िया जेल जाएगी…' आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। इसी तरह, 'एक-एक को चुन-चुनकर मारूंगा…' जैसे संवाद सुनते ही लोग उन्हें याद करने लगते हैं।
धर्मेंद्र का संवाद 'कुत्ते, कमीने… मैं तेरा खून पी जाऊंगा' भले ही गुस्से में कहा गया हो, लेकिन प्रशंसक इसे मजाक में इस्तेमाल करते हैं।
धर्मेंद्र की छवि
'मर्द का खून और औरत के आंसू जब तक न बहें… उनकी कीमत नहीं लगाई जा सकती' जैसे संवाद सुनते ही लोगों के सामने धर्मेंद्र की छवि आ जाती है, जो 80-90 के दशक में थी।
'जिंदगी बिलकुल बर्फ की इन रेशों की तरह होती है… पल भर के लिए ठहरती है और फिर पिघल जाती है… लेकिन जब तक रहती है, बहुत खूबसूरत लगती है।'
