त्रिपुरा में साइबर धोखाधड़ी से 51.49 करोड़ रुपये का नुकसान

त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक अनुराग धनखड़ ने बताया कि 2021 से अब तक राज्य के लोगों ने साइबर धोखाधड़ी में 51.49 करोड़ रुपये गंवाए हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में यह आंकड़ा 25.54 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि, जागरूकता के चलते मामलों की संख्या में कमी आई है। धनखड़ ने लोगों को सावधानी बरतने और फर्जी विज्ञापनों से बचने की सलाह दी है। जानें और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
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त्रिपुरा में साइबर धोखाधड़ी से 51.49 करोड़ रुपये का नुकसान

साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या

त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक अनुराग धनखड़ ने हाल ही में बताया कि 2021 से अब तक राज्य के निवासियों ने साइबर धोखाधड़ी के कारण 51.49 करोड़ रुपये खो दिए हैं।


शनिवार को साइबर अपराध पर आयोजित एक कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा कि 2021 में त्रिपुरा के लोगों ने 1.98 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का सामना किया, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 25.54 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।


उन्होंने यह भी बताया कि लोगों में बढ़ती जागरूकता के चलते धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में कमी आई है। अब तक कुल 269 लोग साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, जिससे उन्हें 51.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


धनखड़ ने कहा कि इस कुल राशि में से 33.84 लाख रुपये पहले ही वापस मिल चुके हैं और 20,387 बैंक खातों को ‘फ्रीज’ किया गया है, जिनमें लगभग 5.76 करोड़ रुपये जमा हैं।


उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी आमतौर पर फर्जी बिजली और गैस बिल, झूठी निवेश योजनाएं, पुलिस या आयकर अधिकारियों के रूप में पहचान बनाकर ओटीपी प्राप्त करना, सोशल मीडिया पर प्रताड़ित करना, ऑनलाइन लॉटरी और होटल बुकिंग में धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को ठगते हैं।


डीजीपी ने लोगों से अपील की कि वे केवल आवश्यक ऐप्स डाउनलोड करें, जटिल पासवर्ड बनाएं और उन्हें नियमित रूप से बदलें। इसके अलावा, उन्होंने ‘वर्क फ्रॉम होम’ के फर्जी सोशल मीडिया विज्ञापनों से सतर्क रहने की सलाह दी।