तीन अंक: क्यों माना जाता है अशुभ? जानें एस्ट्रो टिप्स

क्या आपने कभी सोचा है कि तीन अंक को अशुभ क्यों माना जाता है? इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे यह मान्यता प्राचीन समय से चली आ रही है और इसके पीछे क्या धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। क्या सच में तीन लोग मिलकर कोई कार्य नहीं कर सकते? आइए, इस एस्ट्रो टिप्स के माध्यम से इस रहस्य को उजागर करते हैं।
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तीन अंक: क्यों माना जाता है अशुभ? जानें एस्ट्रो टिप्स

एस्ट्रो टिप्स: तीन अंक का रहस्य

तीन अंक: क्यों माना जाता है अशुभ? जानें एस्ट्रो टिप्स

एस्ट्रो टिप्सImage Credit source: Freepik

एस्ट्रो टिप्स: अक्सर लोग कहते हैं कि जब कोई कार्य तीन व्यक्तियों द्वारा किया जाता है, तो वह सफल नहीं होता या बिगड़ जाता है। इस संदर्भ में एक प्रसिद्ध कहावत है, ‘तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा’। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है? बुजुर्गों का मानना है कि शुभ कार्य के लिए भी तीन व्यक्तियों को एक साथ नहीं भेजना चाहिए।

क्या वास्तव में तीन अंक अशुभ हैं? यह मान्यता प्राचीन समय से चली आ रही है, लेकिन इसके पीछे की वजहों को समझना आवश्यक है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

तीन अंक का अशुभ होना

तीन अंक को कई मामलों में अशुभ माना जाता है। उदाहरण के लिए, जब किसी को खाना परोसा जाता है, तो उसकी थाली में तीन रोटी नहीं रखी जाती। पूजा-पाठ के दौरान तीन व्यक्तियों का एक साथ बैठना वर्जित माना जाता है। विवाह के लिए रिश्ता देखने में भी तीन लोग नहीं जाते। यही कारण है कि लोग तीन अंक को अशुभ मानते हैं।

‘तीन तीगाड़ा काम बिगाड़ा’ का अर्थ

जब कोई कार्य तीन व्यक्तियों द्वारा किया जाता है, तो उनके बीच विवाद की संभावना बढ़ जाती है। कहा जाता है कि दो व्यक्तियों के बीच तालमेल बेहतर होता है, जबकि तीन व्यक्तियों के बीच बातचीत में एकाग्रता में बाधा आती है। इसलिए, किसी भी कार्य को करने के लिए तीन व्यक्तियों को मना किया जाता है।

धार्मिक दृष्टिकोण से

हालांकि, हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तीन अंक को अशुभ नहीं माना जाता। धार्मिक दृष्टि से, यह अंक अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। मान्यता है कि तीन अंक ब्रह्मा, विष्णु, महेश यानी त्रिदेव और तीन वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिव जी का त्रिशूल भी तीन हिस्सों में बंटा होता है। लोग सामान्य कारणों से इस अंक को अशुभ मानते हैं।

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