डायबिटीज की दवा से कैंसर मरीजों में हार्ट फेलियर का खतरा कम

हार्ट की बीमारी और कैंसर का संबंध
हार्ट की बीमारी
कैंसर से पीड़ित मरीजों में हार्ट फेलियर एक सामान्य समस्या बनती जा रही है, जिसके कारण कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया है कि डायबिटीज की एक विशेष दवा, SGLT2 इनहिबिटर, कैंसर मरीजों में हार्ट फेलियर के जोखिम को 50% तक कम कर सकती है और उनके उपचार के बाद की रिकवरी में सुधार कर सकती है।
कैंसर के इलाज में की जाने वाली कीमोथेरेपी का शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह न केवल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है, बल्कि हृदय पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। शोध के अनुसार, 20% कैंसर मरीजों में कीमोथेरेपी के बाद दिल की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से 10% में हार्ट फेलियर हो सकता है। हालाँकि, नए शोध में यह सामने आया है कि यदि डायबिटीज से ग्रसित मरीज को कैंसर होता है और वह डायबिटीज की दवा ले रहा है, तो हार्ट फेलियर का खतरा 50% तक कम हो सकता है।
नई स्टडी में महत्वपूर्ण निष्कर्ष
नई स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर एक व्यापक अध्ययन किया। इसमें SGLT2 इनहिबिटर को हार्ट फेलियर से बचाव के लिए प्रभावी पाया गया। यह अध्ययन यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
SGLT2 इनहिबिटर दवा का कार्य
कैसे मदद करती है SGLT2 इनहिबिटर दवा?
शोधकर्ताओं ने 88,273 कैंसर मरीजों और सर्वाइवर्स पर किए गए 13 अध्ययनों का विश्लेषण किया। इसमें यह देखा गया कि हार्ट फेलियर के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 50% तक कम हुई। हार्ट फेलियर के नए मामलों में 71% तक की कमी देखी गई। विशेष रूप से, स्तन कैंसर की मरीजों के लिए यह दवा अधिक लाभकारी पाई गई है, क्योंकि एंथ्रासाइक्लिन कीमोथेरेपी उनके हृदय को कमजोर कर सकती है।
विशेषज्ञों की राय
एक्सपर्ट्स की राय
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर वासिलियो वासिलियू के अनुसार, “SGLT2 इनहिबिटर दवाएं हृदय रोगों में पहले से ही उपयोगी साबित हुई हैं। यह सांस फूलने, थकान जैसी हार्ट फेलियर की समस्याओं को कम कर सकती हैं और मरीजों को अधिक स्वस्थ महसूस करवा सकती हैं।
अध्ययन की सीमाएं
अभी और रिसर्च की जरूरत
हालांकि ये परिणाम काफी उत्साहजनक हैं, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि कैंसर मरीजों के लिए इस दवा के व्यापक उपयोग के लिए और गहन अध्ययन की आवश्यकता है।