ज्ञान और शिक्षा का महत्व: आनंदीबेन पटेल का प्रेरणादायक संदेश

ज्ञान का महत्व
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को कहा कि सच्चा ज्ञान वही है जो हमें अज्ञानता, भय और बंधनों से मुक्त कर आत्मबल प्रदान करता है।
राज्यपाल की अध्यक्षता में मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर का तीसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।
दीक्षांत समारोह का संदेश
अपने संबोधन में, पटेल ने बताया कि यह केवल डिग्रियों का उत्सव नहीं है, बल्कि ज्ञान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, सत्य की खोज और जीवन में सार्थक योगदान का संकल्प है।
भारतीयता का अर्थ
उन्होंने कहा कि सच्चे भारतीय होने का मतलब सिर्फ अपने अतीत पर गर्व करना नहीं है, बल्कि उस ज्ञान और परंपरा को अपने जीवन में उतारकर समाज और राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित होना है।
भारत की शिक्षा में प्रगति
पटेल ने गर्व से कहा कि जब हम शिक्षा की बात करते हैं, तो हमें यह बताना चाहिए कि भारत आज विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 2014 में केवल 11 विश्वविद्यालयों के साथ विश्व रैंकिंग में शामिल भारत, अब 54 विश्वविद्यालयों के साथ पांच गुना प्रगति कर चुका है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू किए गए शैक्षिक सुधारों का प्रमाण है।
विद्यार्थियों को उपाधियां
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों को कुल 24,875 उपाधियां प्रदान कीं, जिनमें 66 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं को और 34 प्रतिशत उपाधियां छात्रों को मिलीं। कुल 90 पदकों में से 66 पदक (73 प्रतिशत) छात्राओं ने और 24 पदक (27 प्रतिशत) छात्रों ने प्राप्त किए।
भविष्य की दिशा
दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि यह आंकड़ा केवल संख्या नहीं है, बल्कि उस उज्ज्वल भविष्य का संकेत है जिसमें छात्राएं शिक्षा, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की नई मिसालें कायम कर रही हैं।