जॉन डे: एक गहन और रोमांचक थ्रिलर

कहानी का सारांश
क्या जॉन डे एक स्पेनिश फिल्म से प्रेरित था? लेखक-निर्देशक आहिशोर सोलोमन ने इस दिलचस्प कहानी के लिए जो भी सामग्री ली हो, यह महत्वपूर्ण नहीं है। असली बात यह है कि स्क्रिप्ट द्वारा उत्पन्न जिज्ञासा और सस्पेंस का स्तर बहुत ऊँचा है।
यह फिल्म निराशा में डूबी हुई है, लेकिन फिर भी यह हमें अपनी ओर खींचती है। कहानी में दो मुख्य पात्र हैं, नसीरुद्दीन शाह और रणदीप हुड्डा, जो अपने दुखद अतीत से परेशान हैं। उनके अतीत की घटनाएँ उनके वर्तमान को प्रभावित करती हैं। जॉन (शाह) और गौतम (हुड्डा) के लिए खुशी का कोई पल नहीं है, सिवाय उनके प्रिय 'अन्य' के साथ होने के।
हालांकि, नसीर की पत्नी शेरनाज़ पटेल और रणदीप की प्रेमिका एलेना कज़ान भी अपने भूतों से परेशान हैं। जॉन डे एक बेचैन और तीव्र नाटक है, जिसमें पात्र अपने दुश्मनों और अपने आप से भाग रहे हैं। रणदीप का किरदार अपने अतीत से भागता है, लेकिन यह उनका सबसे जटिल किरदार है।
फिल्म में नसीर का किरदार एक आम आदमी की भूमिका निभाता है, जो भ्रष्टाचार से त्रस्त है। जॉन डे में नसीर का सामना एक व्यक्तिगत आतंक से होता है, जो इसे और भी प्रभावशाली बनाता है। यह फिल्म दर्शकों को पात्रों की लड़ाइयों में शामिल कर देती है।
कई दृश्य अत्यंत क्रूर हैं, जैसे एक निर्दोष महिला का सिर तोड़ना। यह एक ठंडी और क्रूर दुनिया है, जिसमें हास्य का कोई स्थान नहीं है। रणदीप हुड्डा की गहनता दर्शकों को बांध लेती है।
जॉन डे एक थ्रिलर है जिसमें दिमाग, दिल और साहस है। यह फिल्म नसीरुद्दीन शाह और रणदीप हुड्डा के बीच एक तंग खेल है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखता है।
संदीप चौटा का बैकग्राउंड स्कोर इस फिल्म का तीसरा नायक है, जो नसीर और रणदीप के लिए भावनाओं की एक नई दुनिया बनाता है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि जीवन कितना बेतरतीब और क्रूर हो सकता है।
जॉन डे एक पराजित पात्रों की कहानी है, लेकिन यह दर्शकों के लिए एक लाभदायक अनुभव साबित होती है।