चंकी पांडे का नाम बदलने की दिलचस्प कहानी

चंकी पांडे, जो 1980 के दशक में बॉलीवुड में आए, का असली नाम सुयश पांडे है। जानें कैसे उनका नाम चंकी पड़ा और उनके करियर की शुरुआत कैसे हुई। इस लेख में हम उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कर रहे हैं, जो आपको उनकी कहानी के प्रति और अधिक जिज्ञासु बनाएगी।
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चंकी पांडे का नाम बदलने की दिलचस्प कहानी

चंकी पांडे का परिचय

चंकी पांडे का नाम बदलने की दिलचस्प कहानी

चंकी पांडे

चंकी पांडे का नाम बदलने की कहानी: 1980 के दशक में अपने करियर की शुरुआत करने वाले चंकी पांडे ने 1990 के दशक में भी बॉलीवुड में अपनी छाप छोड़ी। हालांकि, वे बड़े सितारों की श्रेणी में नहीं आ सके। चंकी ने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें वह सफलता नहीं मिली जो उनके समकालीन सितारों को मिली।

आज हम आपको चंकी पांडे के नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी बताएंगे। बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा कि उनका असली नाम सुयश पांडे है। तो आइए जानते हैं कि कैसे सुयश पांडे, चंकी पांडे बन गए।

चंकी पांडे का नाम कैसे बदला?

चंकी पांडे का जन्म 26 सितंबर 1962 को मुंबई में शरद और स्नहलता पांडे के घर हुआ। उनका असली नाम सुयश था, लेकिन उन्हें चंकी नाम बचपन में उनकी नैनी ने दिया था। धीरे-धीरे परिवार के लोग भी उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे, और यही नाम उनकी पहचान बन गया।

1987 में फिल्मी करियर की शुरुआत

चंकी के माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, क्योंकि वे खुद भी डॉक्टर थे। लेकिन चंकी ने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और 10वीं कक्षा में फेल होने के बाद स्कूल छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अभिनय की ओर रुख किया और अभिनय की कक्षाएं लीं।

उन्होंने डेजी ईरानी के स्कूल से अभिनय और नृत्य की शिक्षा ली और 1987 में फिल्म 'आग ही आग' से बॉलीवुड में कदम रखा। यह फिल्म उन्हें फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी ने ऑफर की थी। चंकी ने मॉडलिंग भी की थी। भले ही उनका करियर ज्यादा सफल नहीं रहा, लेकिन उन्होंने 'आंखें', 'तेजाब', 'विश्वात्मा', 'बेगम जान', 'हाउसफुल', 'रेडी', 'हाउसफुल 2', 'क्या सुपरकूल हैं हम', और 'साहो' जैसी कई प्रमुख फिल्मों में काम किया है और वे आज भी फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं।