गोविंदा की लेट-लतीफी: 9 घंटे इंतजार का किस्सा

इस लेख में गोविंदा की फिल्म 'जोड़ी नंबर 1' की शूटिंग के दौरान 9 घंटे की देरी का दिलचस्प किस्सा साझा किया गया है। रजत बेदी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे गोविंदा समय पर नहीं पहुंचे और इस दौरान पूरी यूनिट बेचैन हो गई। जानिए इस मजेदार घटना के बारे में और गोविंदा के काम के प्रति उनके समर्पण के बारे में।
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गोविंदा की लेट-लतीफी: 9 घंटे इंतजार का किस्सा

गोविंदा की शूटिंग में देरी

गोविंदा की लेट-लतीफी: 9 घंटे इंतजार का किस्सा

गोविंदा ने 9 घंटे करवाया था इंतजार


रजत बेदी, जो फिल्म उद्योग में एक जाना-पहचाना नाम हैं, हाल के वर्षों में किसी फिल्म में नजर नहीं आए हैं। लेकिन, 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' के साथ उनका शानदार वापसी हुआ है, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा है। इस वेब सीरीज के बाद, रजत ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में गोविंदा के साथ अपने अनुभव साझा किए।


रजत बेदी ने 1998 में 'दो हजार एक' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने इंस्पेक्टर रजत का किरदार निभाया था। हालांकि, यह फिल्म ज्यादा सफल नहीं रही। इसके बाद, उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें 2001 में गोविंदा और संजय दत्त के साथ 'जोड़ी नंबर 1' भी शामिल थी। हाल ही में, उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान के अनुभव को साझा किया।


सुबह 6 बजे का शूटिंग शेड्यूल


रजत बेदी ने याद किया कि 'जोड़ी नंबर 1' की शूटिंग सुबह 6 बजे शुरू होनी थी। उन्होंने बताया, "हमें सुबह 6 बजे फिल्मिस्तान में बुलाया गया था। मैं समय पर पहुंचा और बाबा भी समय पर आए, लेकिन यूनिट वहां नहीं थी। उस समय संजय दत्त के पास एक नई लग्जरी कार थी। हम दोनों जल्दी पहुंच गए थे, इसलिए उन्होंने कहा, 'आओ, कार में बैठो।' हम गोविंदा का इंतजार कर रहे थे, जो अभी तक नहीं आए थे।"


गोविंदा का इंतजार


रजत ने आगे बताया कि फिल्म के निर्देशक डेविड धवन 7 बजे तक आए। उन्होंने कहा, "समय बीतता गया, 8 बजे, 9 बजे, 10 बजे, डेविड हमारे साथ मेकअप वैन में थे और गुस्सा हो रहे थे। गोविंदा अब तक नहीं आए थे। गोविंदा के घर के बाहर एक आदमी खड़ा था, जिसने हमें भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही आ जाएंगे। पूरी यूनिट बेचैन थी क्योंकि यह मेरा, गोविंदा और संजय दत्त का एक साथ लिया गया शॉट था।"


शूटिंग का अंत


रजत ने बताया कि गोविंदा दोपहर 3 बजे सेट पर पहुंचे, क्योंकि वह हैदराबाद में शूटिंग कर रहे थे। रजत ने कहा, "वह 3 से 5 बजे तक बिना किसी ब्रेक के सीन को पढ़ते रहे। गोविंदा आइकॉनिक हैं, और उनके पास काम का एक शानदार संग्रह है।"