गर्भवती महिलाओं को सांप क्यों नहीं काटते? जानें विज्ञान और मान्यता का रहस्य
गर्भवती महिलाओं और सांपों का रहस्य
गर्भवती महिलाएं: हिंदू धर्म में कई परंपराएं और मान्यताएं हैं, जिनमें यह विश्वास किया जाता है कि सांप गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते। कहा जाता है कि सांप गर्भवती महिलाओं को देखकर अंधे हो जाते हैं और अपना रास्ता बदल लेते हैं।
हालांकि, इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। लेकिन शोध बताते हैं कि विश्वभर में गर्भवती महिलाओं को सांप द्वारा काटे जाने की घटनाएं कम होती हैं।
गर्भवती महिलाओं को सांप क्यों नहीं काटते?
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सांप नहीं काटते। यह भी कहा जाता है कि सांप गर्भवती महिलाओं को देखकर अंधे हो जाते हैं। यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि ऐसा कैसे संभव है।
इस तथ्य का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है। मान्यता है कि सांप गर्भवती महिलाओं के पास नहीं आते और अपना रास्ता बदल लेते हैं। यह विश्वास लंबे समय से प्रचलित है।
पुराण क्या कहते हैं?
ब्रह्मवैवर्त पुराण में एक कथा है जिसमें भगवान शिव के मंदिर में एक गर्भवती महिला तपस्या कर रही थी। उस समय दो सांप आए और महिला को परेशान करने लगे, जिससे उसकी तपस्या भंग हो गई। इसके परिणामस्वरूप, गर्भ में पल रहे बच्चे ने सांपों को श्राप दिया कि वे गर्भवती महिलाओं के पास जाने पर अंधे हो जाएंगे।
इस घटना के बाद से यह मान्यता बनी कि गर्भवती महिलाओं को देखकर सांप अंधे हो जाते हैं और उन्हें नहीं काटते। कथा के अनुसार, उस महिला के गर्भ से जन्मा बच्चा आगे चलकर श्री गोगा जी देव और श्री तेजा जी देव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
रिसर्च का क्या कहना है?
शोध बताते हैं कि विश्वभर में गर्भवती महिलाओं को सांप द्वारा काटने की घटनाएं केवल 5 प्रतिशत होती हैं। इसका एक कारण यह हो सकता है कि गर्भवती महिलाएं आमतौर पर घर से बाहर कम निकलती हैं और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखती हैं।
कुछ रिपोर्ट्स यह भी कहती हैं कि गर्भधारण के बाद महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे सांप उन्हें पहचानकर पास नहीं आते। हालांकि, इस दावे की कोई ठोस पुष्टि नहीं है।
