खुधा सीजन 2: एक निराशाजनक अनुभव

खुधा सीजन 2 का परिचय
असम के OTT प्लेटफॉर्म रीलड्रामा पर खुधा सीजन 2 की रिलीज ने स्थानीय दर्शकों में जिज्ञासा पैदा की है। पहले सीजन ने 2024 में मध्यम दर्शक संख्या प्राप्त की थी। इस नए सीजन में रवि शर्मा मुख्य भूमिका में हैं, जो अंडरकवर अधिकारी श्याम मॉरिस का किरदार निभा रहे हैं। कहानी का आधार ऐतिहासिक संदर्भों से भरा हुआ है, लेकिन अंततः यह दर्शकों को कुछ खास नहीं देती।
कहानी का सार
कहानी का केंद्र बिंदु बर्मा के आक्रमण के दौरान अहोम साम्राज्य से जुड़े ऐतिहासिक कलाकृतियों की तस्करी पर है। छिपे हुए खजाने की अवधारणा, जो विभिन्न स्थानों पर बिखरे हुए रहस्यमय पांडुलिपियों द्वारा संरक्षित है, में नाटकीयता की संभावना है। लेकिन इस संभावनाओं का उपयोग सही तरीके से नहीं किया गया है।
पात्रों का चित्रण
किरदारों का चित्रण एक प्रमुख कमी है। कई पात्र वृद्ध दिखाए गए हैं, लेकिन वे युवा अभिनेता हैं, जिनका मेकअप विश्वसनीय नहीं है। उनकी कठोर शारीरिक भाषा और अस्वाभाविक मुद्रा दृश्य को वास्तविकता से दूर कर देती है। अनुभवी अभिनेता रंजीव लाल बरुआ भी अपने किरदार को प्रभावी ढंग से नहीं निभा पाते।
रवि शर्मा का प्रदर्शन
रवि शर्मा को श्याम मॉरिस के रूप में शो को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, उनके अंडरकवर रूपांतरण अधिकतर ध्यान भंग करने वाले बन जाते हैं। एक उदाहरण में, उनका गॉडफादर-प्रेरित लहजा और शारीरिक हाव-भाव मजाकिया लगते हैं।
कहानी का अनुवाद
यह श्रृंखला खुधर्ता शगुन, एक प्रसिद्ध असमिया उपन्यास से प्रेरित है। लेकिन इस उपन्यास को दृश्य माध्यम में अनुवादित करने में असफलता दिखाई देती है। पात्रों का निर्माण और नाटकीयता की कमी इसे सामान्य बना देती है।
निर्देशन की कमी
निर्देशक दीपक कुमार रॉय से उम्मीद थी कि वे इस परियोजना में सिनेमाई तीक्ष्णता लाएंगे। लेकिन खुधा सीजन 2 एक खोई हुई संभावना के रूप में सामने आता है।
दर्शकों की अपेक्षाएँ
असमिया OTT दर्शक अब पहले से कहीं अधिक समझदार हो गए हैं। वे गुणवत्ता में कमी को जल्दी पहचान लेते हैं। खुधा जैसे श्रृंखला के लिए, जो पहले से एक साहित्यिक आधार रखती है, उम्मीदें अधिक थीं।
निष्कर्ष
खुधा सीजन 2 यह दर्शाता है कि किसी भी महत्वाकांक्षी विचार के लिए निष्पादन कितना महत्वपूर्ण है। दर्शक एक रोमांचक खोज की उम्मीद में आते हैं, लेकिन अंत में उन्हें असंतोष का अनुभव होता है।
लेखक का नाम
- कौशिक नाथ