क्या चिड़िया को मिलेगी दर्शकों की सराहना?

सिनेमा में सूखा सप्ताह
इस सप्ताह सिनेमा में कोई बड़ा नाम नहीं है, सिवाय 'कराटे किड' के, जो थोड़ी पुरानी यादों को ताजा करता है। यह प्रिय फ्रैंचाइज़ 15 साल बाद लौट रही है, लेकिन क्या यह खुशी का कारण है?
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं है।
जो पीढ़ियाँ 'कराटे किड' फिल्में देखकर बड़ी हुई हैं, वे अब तेजी से आगे बढ़ चुकी हैं। जैकी चेन को जोड़ने से फिल्म की वैल्यू में कोई खास इजाफा नहीं होता। हिंदी संस्करण में अजय देवगन और उनके बेटे ने मेंटर और शिष्य की डबिंग की है। यह दुखद है कि देवगन का बेटा इस उम्र में अपने अध्ययन और खेल पर ध्यान देने के बजाय अपने पिता के साथ इंटरव्यू दे रहा है।
चिड़िया: एक नई फिल्म की कहानी
संयोगवश, 'चिड़िया' बच्चों के जल्दी बड़े होने की कहानी है। यह निर्देशक मेहरान अमरोही की पहली फिल्म है और इसे सिनेमाघरों में लाने के लिए उन्होंने कितनी कठिनाइयाँ झेली हैं!
किसी फिल्म को इतनी मेहनत क्यों करनी पड़ती है? क्या इसलिए कि इसमें सितारे नहीं हैं? लेकिन इसमें ऐसे अदाकार हैं जो इतने प्रतिभाशाली हैं कि वे अभिनेता नहीं लगते। इसके अलावा, अब ए-लिस्टर सितारे भी दर्शकों को नहीं खींच रहे।
फिल्मों का भविष्य
तो समाधान क्या है? निश्चित रूप से 'हाउसफुल 5' नहीं, जो पहले चार फिल्मों के आउट-टेक्स का एक संग्रह लग रहा है। मुझे अन्य 'अभिनेताओं'... क्षमा करें, 'सितारों'... जो भी कहें, खुद को बेवकूफ बनाते हुए देखने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन यह दुखद है कि अभिषेक बच्चन 'आई वांट टू टॉक' से इस स्थिति में पहुँच गए हैं।