केरल के मंदिर में शाकाहारी मगरमच्छ का अनोखा रहस्य

शाकाहारी मगरमच्छ की अद्भुत कहानी

भारत में कई स्थानों पर ऐसी मान्यताएँ हैं जो केवल स्थानीय लोगों के बीच प्रचलित हैं। आज हम एक ऐसी अद्भुत मान्यता के बारे में चर्चा करेंगे जो आपको चौंका देगी। आमतौर पर, जानवर मांसाहारी होते हैं, लेकिन केरल के एक मंदिर में एक ऐसा मगरमच्छ है जो केवल शाकाहारी है। यह अनोखा मगरमच्छ केवल प्रसाद का सेवन करता है।
यह शाकाहारी मगरमच्छ पद्मनाभस्वामी मंदिर के तालाब में निवास करता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मगरमच्छ का नाम बबिआ है और यह मंदिर की सुरक्षा करता है।
कहा जाता है कि जब तालाब में एक मगरमच्छ की मृत्यु होती है, तो रहस्यमय तरीके से दूसरा मगरमच्छ प्रकट हो जाता है। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के बाद, इसे बबिआ को खिलाया जाता है, लेकिन यह कार्य केवल मंदिर के पुजारियों को करने की अनुमति है।
बबिआ का रहस्य
यह मगरमच्छ अनंतपुर मंदिर की झील में लगभग 60 वर्षों से रह रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि 1945 में इसे अंग्रेजों ने मार दिया था, लेकिन अगले दिन यह फिर से प्रकट हो गया। यह सच है कि यह एक शाकाहारी मगरमच्छ है, जो अपने आप में अनोखा है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर, जो भगवान विष्णु को समर्पित है, भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। यहां हजारों भक्त भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति के दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में इंद्र और चंद्र ने भी पूजा की थी।
इतिहास की झलक
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह मंदिर 5000 साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथ अनंत्सयाना महात्म्य में इस मंदिर की स्थापना का उल्लेख है। मंदिर का पुनर्निर्माण कई बार हुआ है, और अंतिम बार 1733 में त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा द्वारा किया गया था।