किसान से सुपरस्टार बनने की कहानी: नवाजुद्दीन सिद्दीकी का संघर्ष

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की कहानी एक प्रेरणा है, जिन्होंने खेतों में काम करने से लेकर चौकीदार बनने और अंततः सुपरस्टार बनने तक का सफर तय किया। इस लेख में जानें उनके संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी, जिसने उन्हें भारतीय सिनेमा में एक अद्वितीय स्थान दिलाया। उनकी यात्रा दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।
 | 
किसान से सुपरस्टार बनने की कहानी: नवाजुद्दीन सिद्दीकी का संघर्ष

एक अभिनेता की प्रेरणादायक यात्रा


सुपरस्टार: हर साल, हजारों युवा मुंबई का रुख करते हैं, अपने सपनों को साकार करने के लिए। लेकिन उनमें से कुछ ही अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाते हैं। कई लोग हिम्मत हारकर लौट जाते हैं या अन्य क्षेत्रों में अपनी किस्मत आजमाते हैं। कुछ में अभिनय की स्वाभाविक प्रतिभा होती है, जबकि अन्य अभिनय स्कूलों से शिक्षा प्राप्त कर इस शहर में आते हैं।


इस लेख में हम एक ऐसे अभिनेता की कहानी साझा कर रहे हैं, जिसने पहले खेतों में काम किया, फिर चौकीदार की नौकरी की और अब एक सुपरस्टार बन चुका है। जानिए वह कौन है।


कड़ी मेहनत का फल

किसान से सुपरस्टार बनने की कहानी: नवाजुद्दीन सिद्दीकी का संघर्ष
Nawazuddin Siddiqui


यह कोई और नहीं, बल्कि अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं। उन्होंने कम उम्र में खेती शुरू की, जबकि उनके पिता ने हमेशा शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने रसायन विज्ञान में डिग्री प्राप्त की, लेकिन खेती के प्रति उनका लगाव कभी कम नहीं हुआ। एक किसान परिवार से होने के कारण, वह अपने आठ भाई-बहनों के लिए प्रेरणा बने। उन्होंने बताया कि मुंबई में जीवन यापन के लिए उन्हें अक्सर दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़ते थे।


नवाजुद्दीन ने कहा, “मैंने कई छोटे-मोटे काम किए, जैसे चौकीदार का काम और धनिया बेचना। मैंने एक्टिंग सेमिनार भी आयोजित किए। मैंने लगभग 100 ऑडिशन दिए और हर छोटे से छोटे रोल को स्वीकार किया। मुझे सफलता पाने में 12 साल लगे।”


अभिनय का ख्याल कैसे आया

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी शानदार एक्टिंग से कई दर्शकों का दिल जीता है। उन्होंने एक बार बताया कि अभिनेता बनने का विचार उन्हें वडोदरा में एक नाटक देखने के बाद आया था, जहां उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक रसायनज्ञ के रूप में काम किया।


उन्होंने कहा, “हमारा परिवार मिलकर रामलीला देखता था। यह मेरा अभिनय से पहला परिचय था। मेरे एक दोस्त ने राम का किरदार निभाया था, और उसे मंच पर देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ।”


सफलता की पहचान


नवाजुद्दीन ने ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ में एक छोटी भूमिका निभाने से लेकर ‘लंचबॉक्स’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने तक का सफर तय किया। ‘सरफ़रोश’ में उन्हें कोई नहीं जानता था, लेकिन गणेश गायतोंडे का उनका किरदार सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।


‘तलाश’ में उनके चोर के किरदार को भी भुलाया नहीं जा सकता। आज नवाजुद्दीन अपनी फिल्मोग्राफी के कारण बेहतरीन अभिनेता माने जाते हैं। उनकी पहचान ओटीटी प्लेटफार्म से लेकर बड़े पर्दे तक है।