कान्या सेसर: बिना पैरों के भी बनीं टॉप मॉडल

कान्या सेसर की कहानी एक प्रेरणा है, जिन्होंने बिना पैरों के भी मॉडलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। थाईलैंड के एक बौद्ध मंदिर में पली-बढ़ी कान्या ने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से सभी बाधाओं को पार किया। जानें कैसे उन्होंने स्केटिंग, बास्केटबॉल और मॉडलिंग में सफलता हासिल की। उनकी यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि किसी भी परिस्थिति में आत्मविश्वास और मेहनत से सफलता पाई जा सकती है।
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कान्या सेसर: बिना पैरों के भी बनीं टॉप मॉडल

कान्या सेसर की प्रेरणादायक कहानी


हम अक्सर जीवन की छोटी-छोटी परेशानियों से परेशान हो जाते हैं। कई लोग अपने कार्यों या अपने रूप-रंग से संतुष्ट नहीं होते। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब भगवान किसी को शारीरिक रूप से अक्षम बनाते हैं, तो उनके लिए जीवन कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है? समाज में दिव्यांग व्यक्तियों को एक अलग दृष्टिकोण से देखा जाता है, और अक्सर सामान्य लोगों के मन में उनके प्रति नकारात्मक भावनाएं होती हैं।


इस नकारात्मकता के कारण दिव्यांगों में आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है। लेकिन यह सच नहीं है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों में प्रतिभा की कमी होती है। वास्तव में, उनकी प्रतिभा और एकाग्रता सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होती है। हालांकि, शारीरिक और सामाजिक दबाव के कारण उनकी चुनौतियाँ दोगुनी हो जाती हैं।


आज हम एक ऐसी युवती के बारे में चर्चा करेंगे जिसने इन सभी कठिनाइयों का सामना किया और बिना पैरों के भी खुद को एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित किया।


कान्या सेसर: बिना पैरों के भी बनीं टॉप मॉडल


उनका नाम कान्या सेसर है। 23 वर्षीय कान्या लॉस एंजेलेस की निवासी हैं और पेशेवर रूप से एक लॉन्जरी मॉडल हैं। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि इस टॉप मॉडल के दोनों पैर नहीं हैं। जन्म से ही कान्या के पास पैर नहीं थे, और उन्होंने थाईलैंड के एक बौद्ध मंदिर में अपनी जिंदगी की शुरुआत की। लोग उन्हें अपंग समझते थे, लेकिन उनके आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं थी।


कान्या के जैविक माता-पिता ने उन्हें अपाहिज समझकर थाईलैंड के एक बौद्ध मंदिर में छोड़ दिया था, जहां भिक्षुओं ने उनकी परवरिश की। जब वह केवल पांच साल की थीं, तब एक दंपत्ति ने उन्हें गोद लिया और उनका नाम कान्या सेसर रखा।


कान्या ने अपने नए परिवार के साथ ओरेगन के पोर्टलैंड में रहने लगीं। उनके माता-पिता ने उन्हें प्यार से पाला और हर संभव सुविधा प्रदान की। उन्होंने कान्या को व्हीलचेयर पर चलना सिखाया, लेकिन कान्या ने खुद को साबित करने का निर्णय लिया।


बचपन में ही कान्या को स्केटिंग में रुचि हो गई। 9 साल की उम्र में उन्होंने स्केटबोर्डिंग सीखने का निर्णय लिया और कुछ ही महीनों में इस खेल में माहिर हो गईं। वह व्हीलचेयर के बजाय स्केटबोर्ड का उपयोग करती हैं और विभिन्न करतब भी करती हैं।


कान्या को खेलों में भी रुचि है। वह बास्केटबॉल और स्कीइंग खेलती हैं और पैरालिम्पिक्स में भाग लेने की उम्मीद करती हैं। 2011 में, वह 100 और 200 मीटर दौड़ में तीसरी सबसे तेज धावक थीं।


कान्या को एक स्पोर्ट्स फोटोग्राफर ने संपर्क किया और 15 साल की उम्र में उनका पहला फोटोशूट हुआ। इसके बाद, उन्होंने लॉन्जरी मॉडलिंग में कदम रखा और बड़े ब्रांडों से ऑफर मिलने लगे।


आज कान्या एक दिन में 1,000 डॉलर चार्ज करती हैं और दुनिया के शीर्ष लॉन्जरी ब्रांडों के साथ काम कर चुकी हैं। वह एक मॉडल, स्केटर, मोटिवेशनल स्पीकर और एथलीट हैं। कान्या अपने जीवन पर एक किताब भी लिख रही हैं, जो जल्द ही प्रकाशित होगी।