एक मजेदार कहानी: एसी की मरम्मत और एक बोलता तोता

एक अनोखी घटना

मिसेज़ दुबे ने फोन पर कहा, "मैं नेहरू नगर पारिजात एक्सटेंशन Q.NO. HIG B/16 से बोल रही हूँ। मेरे हाल में लगा एसी ठीक से काम नहीं कर रहा है। तुम दोपहर में मेरे ऑफिस जाने के बाद आकर इसे ठीक कर देना। पूरा घर लॉक रहेगा, सिर्फ हाल खुला रहेगा।"
उन्होंने बताया कि मेन डोर की चाबी बगल में दूसरे गमले के नीचे रखी होगी। मेकेनिक को हाल में एक डाबरमेन कुत्ता भी मिलेगा, जो बंधा नहीं होगा, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह प्रशिक्षित है।
हाल में एक तोता भी है, जो बहुत बोलता है, लेकिन उसे एक शब्द भी नहीं कहना है। काम खत्म होने के बाद हाल को लॉक करके चाबी उसी गमले के नीचे रख देना। शाम को ऑफिस से लौटते समय उनका भुगतान कर दिया जाएगा।
दोपहर में जब मेकेनिक हाल का ताला खोलकर अंदर गया, तो उसे एक डाबरमेन कुत्ता सोफे के पास लेटा हुआ मिला। कुत्ता उसे देखकर फिर से सो गया।
जैसे ही मेकेनिक आगे बढ़ा, तोता चिल्लाने लगा, "अबे चोर, क्या कर रहा है बे!" और उसने पूरे दो घंटे तक मेकेनिक को परेशान किया।
तोता उसे कभी चोर कहता, कभी मोटा भैंसा, और कभी गालियाँ देता। मेकेनिक ने एक बार तो उसे पेंचकस से कोंचने का मन बना लिया, लेकिन मैडम की चेतावनी याद आ गई।
काम खत्म होने पर जब वह जाने लगा, तो तोता फिर चिढ़ाने लगा, "अबे चोर, मोटा साले, क्या चुराया बे?"
अब मेकेनिक के लिए सहना मुश्किल हो गया। उसने सोचा कि मैडम बेवजह डरा रही थीं। उसने पेंचकस निकालकर तोते की ओर बढ़ा, "साले हरामखोर तोते, रूक साले बताता हूँ!"
मेकेनिक का इतना बोलना था कि तोता चिल्लाया, "छू.. टामी, छू!"
मेकेनिक अपनी जान बचाकर भागा और आज तक उस घटना से सदमे में है!